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कुलाधिपति के आमंत्रण पर पारणा में शामिल हुए सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं

निर्जल एकासना और उपवास रखने वाले जैन स्टुडेंट्स ने पारणा में उठाया स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ

-प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के निर्जल, एकासना और उपवास रखने वाले सभी श्रावक-श्राविकाओं को कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने अनंत चौदस के अगले दिन क्षमावणी पर उपवास खोलने के लिए अपने आवास-संवृद्धि पर न्योता दिया, जिसमें 740 जैन छात्र-छात्राओं ने पारणा के दौरान स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इससे पूर्व टीएमयू की फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन ने सभी श्रावक-श्राविकाओं का चंदन का टीका करके गर्मजोशी से स्वागत किया, जबकि गु्प वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन औऱ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जैन ने अतिथियों को सेवा भाव से व्यंजन परोसे। अधिकांश श्रावक-श्राविकाओं ने आसन ग्रहण करके ही पारणा किया। पारणा में जैनाचार्य श्रीमद विजय धर्मधुरंधर सुरीश्वर जी महाराज औऱ सम्मेद शिखर से आए प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। पारणा के दौरान खास बात यह रही, कुलाधिपति परिवार के माननीय सदस्य सभी  आमंत्रित श्रावक-श्राविकाओं के पास जा-जाकर यह विनम्र भाव से पूछते नजर आए, आप क्या लेंगे……., आपने यह तो लिया ही नहीं………, आप यह तो लीजिए……। इस बेहद मधुरभाषी व्यवहार ने न केवल श्रावक-श्राविकाओं का दिल जीत लिया बल्कि व्यंजनों का स्वाद भी दोगुना हो गया। दूसरी ओर पारणा से पूर्व आदिनाथ भगवान को रिद्धि-सिद्धि भवन से दिव्यघोष के बीच जिनालय में विराजमान कराया गया। इस मौके पर जीवीसी श्री मनीष जैन, प्रो. रवि जैन, ब्रह्मचारिणी डॉ. कल्पना जैन, डॉ. एसके जैन, डॉ. आदित्य जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. विनीता जैन समेत अनेक श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी रही। सम्मेद शिखर से आए प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन ने जिनालय में आदिनाथ भगवान का अभिषेक औऱ शांतिधारा विधिवत कराई।

उल्लेखनीय है कि पारणा में बादाम मिल्क, फलों में सेब, केला, अमरुद, अन्नानास, अंगूर, ड्राई फ्रूट्स में काजू, बादाम, किशमिश, मूंग की दाल के चीले, सूजी का हलवा, छोले भटूरे, पोहा, पकोड़े, मुरादाबादी दाल, गुलाब जामुन, छना हुआ पानी आदि लाजवाब एवं स्वादिष्ट व्यंजनों की भरमार रही। दसलक्षण महोत्सव के दौरान उपवास रखने वाले श्रावक-श्राविकाओं की विशेष रूप से पारणा कराई गई। इनमें निष्ठा जैन, मैत्री जैन, अमन जैन, आस्था जैन, संस्कार जैन, धार्मिक जैन, चिराग जैन, कृति जैन, सर्वज्ञ चौधरी आदि श्रावक-श्राविकाएं शामिल रहे। इस मौके पर कुलाधिपति परिवार के अलावा दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष श्री अनिल जैन, प्रो. एसके जैन, प्रो. विपिन जैन, डॉ. विनोद जैन, श्री विपिन जैन, डॉ. आशीष सिंघई, डॉ. अंकिता जैन आदि की मौजूदगी रही। इसके बाद सर्वाधिक छात्र-छात्राओं ने कुलाधिपति श्री सुरेश जैन औऱ फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन के चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लिया। स्टुडेंट्स ने कुलाधिपति आवास का भ्रमण करते हुए फोटो खिचवाईं औऱ सेल्फियां लीं।

1008 दीपों से हुई टीएमयू में महाआरती,

रोशनी से जगमगा उठा रिद्धि-सिद्धि भवन

1008 दीपों की रोशनी से रिद्धि-सिद्धि भवन जगमगा उठा। महाआरती में भगवान महावीर स्वामी, भगवान शांतिनाथ, पंच परमेष्ठी की आरती की हुई। इसमें  जैनाचार्य श्रीमद विजय धर्मधुरंधर सुरीश्वर जी महाराज और सम्मेद शिखर से आए पंडित श्री ऋषभ जैन की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। महाआरती में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन ने बारी-बारी से आरती उतारी। भोपाल से आई रजनीश एंड पार्टी ने सुरीले साज और मधुर आवाज पर एक से बढ़कर एक भक्तिगीत- गुरुवर आज मेरी कुटिया में आए हैं…, जब से प्रभु दर्शन मिला, मन है मेरा खिला खिला…, विद्या सागर नाम रे जपो सुबह शाम रे…, झूम रही धरती, झूम रहा आसमां…, शिखर जी वाले पारस बाबा…, जब से मिला गुरु का दरबार, तब से नगरीया हो गई पार… प्रस्तुत किए। इन भजनों पर कुलाधिपति परिवार के संग-संग हाथों में दीपक लेकर सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं और फैकल्टीज भक्ति में लीन हो गए। इसके अलावा महाआरती के दिन आरती सजाने की प्रतियोगिता रखी गई। इसमें सुचिता जैन औऱ ग्रुप को प्रथम, दिशा जैन ग्रुप औऱ ग्रुप पलक जैन को संयुक्त रूप से द्वितीय, जबकि संस्कार जैन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। प्रो. रवि जैन ने विजेताओं को उपहार देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व पूज्य महाराज जी ने परमात्मा के श्रीचरणों की शक्ति पर विचार व्यक्त किए। उत्तम ब्रह्मचर्य पर महाराज जी ने ब्रह्मचर्य धर्म को अद्भुत बताया। उन्होंने कहा, साधना के लिए ब्रह्मचर्य प्रमुख है। दस दिन की पूजा का फल बताते हुए प्रतिष्ठाचार्य जी बोले, भगवान के हाथ से जो छूट जाता है, वह निश्चित ही डूब जाता है। महाआरती में प्रो. एसके जैन, प्रो. विपिन जैन, श्री विपिन जैन, प्रो. एमपी सिंह, ब्रह्मचारिणी डॉ. कल्पना जैन के संग-संग डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. आदित्य जैन, डॉ. नम्रता जैन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही। 

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