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कास्तकारों का मुंह चिढ़ा रहा है ‘सिंचाई बढ़ाओ हरियाली लाओ’ नारा

 

-गौचर से दिग्पाल गुसांईं-

एक समय था जब सिंचाई बढ़ाओ हरियाली लाओ नारा कास्तकारों को खेती व्यवसाय के प्रति आकर्षित करता था। लेकिन आज जिस प्रकार से सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है इससे यह नारा अब लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है।

अलग राज्य बनने से पहले पहाड़ी क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था ठीक ठाक थी। समय पर जहां नहरों की मरम्मत की जाती थी वहीं साफ़ सफाई के लिए बेलदार की व्यवस्था की जाती थी। अलग राज्य बनने के बाद सिंचाई व्यवस्था को और सुदृढ़ कर क़ृषि को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की सरकार ने इस नारे के साथ कि सिंचाई बढ़ाओ हरियाली लाओ से जहां सिंचाई नहरों की व्यवस्था में सुधार लाने का काम किया वहीं पहाड़ का पानी पहाड़ के काम नहीं आता कहावत को निर्मूल करते हुए जगह जगह नदी का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए सिंचाई लिफ्ट पंपों का निर्माण करवाकर लोगों को खेती के प्रति आकर्षित करने का काम किया था। तब सिंचाई व्यवस्था अच्छी होने की वजह से नगदी फसलों का दौर भी शुरू हो गया था। लेकिन सरकारें बदली तो यह नारा भी विलुप्त होता गया और कास्तकारों की आमदनी दोगुनी करने का नारा चलाया तो गया लेकिन सिंचाई व्यवस्था पर ध्यान न देने की वजह से आमदनी दोगुनी होने के बजाय लोगों ने कास्तकारी से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। रही सही कसर जंगली जानवरों बंदरों पूरी कर रहे हैं। अलग राज्य बने 23 साल बीत गए हैं लेकिन सिंचाई व्यवस्था सुधरने के बजाय बद से बद्तर होती जा रही है। सिंचाई नहरों की हालत जहां खस्ती बनी हुई है वहीं सिंचाई लिफ्ट पंप योजनाओं का खराब रहना आम बात हो गई है।

 

 

जनपद चमोली के गौचर में अलग राज्य बनने से पहले पनाई, भटनगर व घली तीन सिंचाई नहरें संचालित होती थी पनाई व घली नहरों का जिम्मा सिंचाई विभाग व भटनगर नहर का जिम्मा लघु ढाल विभाग के पास है। भटनगर व घली नहरें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है पनाई नहर भी कामचलाऊ स्थिति में पहुंच चुकी है। इस नहर पर पैसा खर्च तो किया जाता है लेकिन कास्तकारों से राय मशविरा नहीं किया जाता है जिससे कास्तकारों की परेशानी कम होन का नाम नहीं ले रही है।

 

भटनगर सिंचाई लिफ्ट पंप से हवाई पट्टी से प्रभावित जमीन की सिंचाई करने की योजना है लेकिन इसका खराब रहना आम बात हो गई है। अब तो एक अस्थाई कर्मचारी के भरोसे पंप छोड़ दिया गया है। विभागीय अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। जिससे इस योजना का लाभ भी समय पर कास्तकारों को नहीं मिल पा रहा है।

 

कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी का कहना है कि सरकार काश्तकारों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही है लेकिन सिंचाई के अभाव में कैसे कास्तकारी होगी इस ध्यान नहीं दिया जा रहा।

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