स्वदेशी रूप से विकसित नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण
नयी दिल्ली, 19 मई (उहि )। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने 18 मई, 2022 को ओडिशा के समुद्र तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर से नौसेना हेलीकॉप्टर के जरिए स्वदेशी रूप से विकसित नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक पहला उड़ान परीक्षण किया। मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी रूप से विकसित हवा से लॉन्च की जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है।
इस एंटी-शिप मिसाइल ने वांछित समुद्री स्किमिंग प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया और नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंच गया। सभी उप-प्रणालियों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। परीक्षण रेंज और निकट प्रभाव बिंदु पर तैनात सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक किया और सभी घटनाओं को कैद किया।
इस मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नौसंचालन प्रणाली और एकीकृत वैमानिकी शामिल हैं। उड़ान परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने गौर से देखा।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने पहले विकासात्मक उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और परीक्षण से संबंधित टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल कर ली है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने मिशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक सिद्ध करने के लिए परियोजना टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने परियोजना में मदद के लिए भारतीय नौसेना और नौसेना उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन की सराहना की और कहा कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की आक्रामक क्षमता को मजबूत करेगी।
The missile followed the desired sea skimming trajectory and reached the designated target with high degree of accuracy, validating the control, guidance and mission algorithms. All the sub-systems performed satisfactorily. The sensors deployed across the test range and near impact point tracked the missile trajectory and captured all the events.
The missile employed many new technologies, including an indigenously developed launcher for the helicopter. The missile guidance system includes state-of-the-art navigation system and integrated avionics. The flight test was witnessed by senior officers of DRDO and the Indian Navy.
Raksha Mantri Shri Rajnath Singh congratulated DRDO, Indian Navy and associated teams for the maiden developmental flight test. He said, India attained a high level of capability in the indigenous design and development of Missile systems.