क्षेत्रीय समाचार

वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट को गोविंद प्रसाद नौटियाल पुरस्कार से नवाजा जाएगा

-गौचर से दिग्पाल गुसांईं –
जनपद चमोली के गौचर मैदान में आगामी 14 नवंबर से शुरू होने जा रहे सात दिवसीय ऐतिहासिक गौचर मेले के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रीय सहारा के वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों गोविंद प्रसाद नौटियाल पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

इस पर जनपद चमोली के पत्रकारों ने खुशी व्यक्त की है।
रजपाल बिष्ट को अबतक पत्रकारिता के लिए दो दर्जन से अधिक पुरूस्कारों से नवाजा जा चुका है। जो उनकी चार दशकों की जन-सरोकारों की पत्रकारिता का ही प्रतिफल है। रजपाल बिष्ट के पास पत्रकारिता का लंबा अनुभव है। जो नवोदित पत्रकारों के लिए एक प्रेरणा श्रोत ही नहीं बल्कि एक संस्थान भी हैं। उन्होंने अपनी लंबी पत्रकारिता के जीवन में पत्रकारिता को नया मुकाम दिया है।

पर्यावरण से लेकर संस्कृति समाजिक सरोकारों से लेकर सुदूरवर्ती गांव से जुड़ी कोई भी खबर उनकी पैनी नजर से छूटती नहीं है। शायद ही कोई ऐसा मसला हो जिस पर उन्होंने अपनी कलम न चलाई हो। यही कारण रहा है कि आज हर कोई उनकी लेखनी का मुरीद है। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत 1982 में उत्तरी ध्रुव अखबार से की इसके बाद नवभारत टाइम्स, जनसत्ता,अमर उजाला, दैनिक जागरण में अपनी लेखनी का लोहा मनवाया।

अमर उजाला ने उनकी काबिलियत को देखते हुए हिमाचल संस्करण को चलाने का जिम्मा सौंपा था। वर्तमान में वे राष्ट्रीय सहारा में जनपद चमोली में वरिष्ठ पत्रकार के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी पत्रकारिता के दौरान उत्तरकाशी हो या चमोली भूकंप के अलावा आपदाओं पर जमीनी रिपोर्टिंग से शासन प्रशासन के कान खड़े करने का काम किया। यही कारण रहा है कि उनकी खबरों को आकाशवाणी की खबरों में प्रसारित किया जाता था।

नवभारत टाइम्स में रहते हुए उनको गोपेश्वर में रहते हुए 1991 में उत्तरकाशी में आए भूकंप की रिपोर्टिंग करने का जिम्मा सौंपा गया। इस परीक्षा में भी वे पूरी तरह सफल रहे,और उन्होंने शासन प्रशासन के साथ ही जनता को हकीकत से रूबरू कराया। इसके अलावा चमोली में आए भूकंप की आपदाओं की धरातलीय रिपोर्टिंग उनकी पत्रकारिता का अंग रहा है। जल जमीन हो या उत्तराखंड राजधानी के मसले पर उनके अनगिनत लेख लोगों को प्रेरणादाई साबित हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रसिद्ध चिपको आंदोलन हो या मैती आंदोलन को उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से नई पहचान भी दिलाई है यही कारण रहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे कई पर्यावरण वादों को उच्च कोटि के पुरुस्कार प्राप्त हुए हैं।

अब गौचर के विशाल मैदान में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन से आयोजित होने होने वाले ऐतिहासिक गौचर मेले के उद्घाटन अवसर पर उनको 14 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों गोविंद प्रसाद नौटियाल पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

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