चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक में निगोल नदी के कटान से काण्डई – चंद्रशिला गांव भी आया खतरे की जद में
–पोखरी से राजेश्वरी राणा-
इस विकासखंड के तहत काण्डई -चन्द्रशिला ग्राम पंचायत के नीचे घटधार तोक में निगोमती नदी के कटान के कारण लगातार हो रहे भूस्खलन से काणडई चन्द्रशिला गांव के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न हो गया है।क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर की घटधार तोक के नीचे निगोमती नदी के किनारे पक्के सीमेन्टेट और जालीदार चेक डेम बनावाने की मांग की है।
ग्रामप्रधान नवीन राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य भरत नेगी ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि काण्डई चन्द्रशिला गांव के नीचे घटधार तोक में निगोमती नदी के कटान के कारण वर्षो से लगातार भूस्खलन हो रहा है। वर्षांत के समय यह भूस्खलन बड़े पैमाने पर होता है, जिससे घटधार तोक में सैकड़ों नाली वन पंचायत की भूमि तबाह हो गयी तथा उस पर उगे सौकडो चीड़ के पेड़ भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गये है।
यही नहीं काण्डई चन्द्रशिला, रडुवा के ग्रामीणों का काश्तकारी हेतु जंगल आने जाने का रास्ता भी बुरी तरह क्षतिग्र्रस्त हो गया है। इन गांवों की महिलाये बड़ी मुश्किल से जान जोखिम में डालकर मवेशियों के लिये घास लेने जंगल जा रही है। साथ ही ग्रामीणों का मवेशियों को घास चुगान हेतू जंगल लेजाना दूभर हो गया है।
भूस्खलन से ग्रामीणों की कुनला तोक की 50 नाली से अधिक कृषि भूमि भी तबाह हो गयी है, और अब गांव के अस्तित्व को भी खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों की बार बार मांग करने पर घटधार तोक में भूस्खलन की रोक थाम हेतु इस बार केदारनाथ वन जीव प्रभाग गोपेश्वर के नागनाथ रेंज के सौजन्य से लाखों रुपये की लागत से जालीदार और कोरे चेकडेम बनाये गये लेकिन भारी वारिस और निगोमती नदी के कटान के कारण वे भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गये। लिहाजा काण्डई चन्द्रशिला गांव के अस्तित्व की सुरक्षा हेतू घटधार तोक का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराकर निगोमती नदी के किनारे से पक्के सीमेस्टेट और जालीदार चेकडेम बनवाने की मांग की जा रही है।
वहीं केदारनाथ वन प्रभाग नागनाथ रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप गौड़ का कहना है कि प्राकृतिक आपदा और भूस्खलन तथा निगोमती नदी के कटान के कारण वन विभाग के चेक डेम क्षतिग्र्रस्त हुये है । जिसकी रिपोर्ट विभाग ने उपजिलाधिकारी पोखरी के कार्यालय में दर्ज करा दी है। ,आपदा मद से पैसा मिलने के बाद फिर से घटधार तोक में निगोमती नदी के किनारे पक्की सीमेस्टेट और जालीदार चेक डेम बनाये जायेंगे ।