अडानी की जांच का नतीजा पता है
अडानी समूह को लेकर आई हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी से जांच कराने की मांग कर रही कांग्रेस पार्टी को पता है कि सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी की जांच का क्या नतीजा आना है। अब इस मामले में कानून का कोई जानकार ही बता सकता है कि सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही उस पर किसी खास तरह से जांच करने और एक खास तरह की रिपोर्ट देने का आरोप लगाना अदालत की अवमानना का मामला बनता है या नहीं लेकिन राजनीतिक रूप से कांग्रेस ने चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की कमेटी पर सवाल उठा कर अपना नुकसान किया है। कम से कम पार्टी को जांच की रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिए था।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की जांच अडानी केंद्रित होगी और केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी जाएगी। उन्होंने पता नहीं किस इनपुट के आधार पर यह बात कही लेकिन ऐसा लग रहा है कि जेपीसी जांच की मांग को न्यायसंगत ठहराने के लिए उन्होंने यह बयान दिया। दूसरा मकसद यह है कि रिपोर्ट आने से पहले ही उसको संदिग्ध बना दिया जाए। लेकिन एक आकलन में उनसे गलती हो गई।
अगर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी जांच को अदानी केंद्रित करके केंद्र सरकार को क्लीन चिट देती है तो अडानी का क्या करेगी? क्या सुप्रीम कोर्ट अडानी समूह को दोषी ठहराएगी? अगर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी अडानीकी गलती निकालती है, उसे दोषी ठहराती है तो फिर केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से कैसे बचेगी? और क्या उसके बाद केंद्रीय एजेंसियों, सीबीआई और ईडी को कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अदानी की जांच करने की मजबूरी नहीं हो जाएगी? अगर ऐसा होता है तो क्या यह विपक्ष की बड़ी जीत नहीं होगी और क्या चुनाव में इसका मुद्दा नहीं बनेगा?