भारतीय नौ सेना की शक्ति बढ़ने के लिए बन रहे 25T बोलार्ड पुल टग युवान
नयी दिल्ली,18 नवंबर (पीआईबी) । भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप, मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (मेसर्स टीआरएसएल) के साथ छह 25T बीपी टग के निर्माण और डिलीवरी का अनुबंध संपन्न हुआ। टग का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के तहत किया जा रहा है। मेसर्स टीआरएसएल, कोलकाता ने भारतीय नौसेना द्वारा संचालन के लिए इन टग की डिलीवरी क्रमिक रूप से शुरू कर दी है। इन टग का संचालन भारतीय नौसेना द्वारा अंडमान और निकोबार कमांड और पूर्वी नौसेना कमांड में किया जाएगा। 17 नवंबर 24 को मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड, कोलकाता में इस श्रृंखला के चौथे टग (युवान) के लॉन्चिंग और पांचवें और छठे टग (ओजस और सबल) की कील बिछाने के समारोह की अध्यक्षता कमोडोर सीजर बसु, ग्रुप कमांडर एनसीसी ने की। ये टग 2025 में भारतीय नौसेना को सौंपे जाएंगे।
बोलार्ड पुल टग युवान एक अत्याधुनिक टगबोट है, जिसे विशेष रूप से उच्च प्रदर्शन और सामरिक आवश्यकताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है, और यह नौसैनिक जहाजों को डॉकिंग, अनडॉकिंग और समुद्री परिचालन में सहायता प्रदान करता है। इसका उपयोग कठिन समुद्री परिस्थितियों में भी बड़े जहाजों को खींचने और उनकी दिशा बदलने के लिए किया जाता है।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ:
- उच्च बोलार्ड पुल क्षमता:
यह टगबोट असाधारण खींचने की शक्ति (बोलार्ड पुल) से लैस है, जो इसे बड़े जहाजों को नियंत्रित करने में सक्षम बनाती है। इसका उपयोग भारी जहाजों और युद्धपोतों को बंदरगाह के भीतर या बाहर ले जाने में किया जाता है। - आधुनिक तकनीक:
युवान में नवीनतम नेविगेशन और नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया गया है, जो इसे सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए आदर्श बनाती है। - मल्टी–रोल क्षमताएँ:
यह केवल खींचने तक सीमित नहीं है, बल्कि समुद्री सुरक्षा, आपातकालीन प्रतिक्रिया, बचाव अभियानों और अन्य विशेष कार्यों में भी उपयोगी है। - पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन:
यह टगबोट ऊर्जा कुशल है और पर्यावरण पर कम प्रभाव डालता है।
टगबोट भारतीय नौसेना के लिए कितना जरुरी है सामरिक दृष्टि से
बोलार्ड पुल टग युवान जैसी उच्च प्रदर्शन क्षमता वाली टगबोट भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी संपत्ति है, जो रणनीतिक और परिचालन जरूरतों को पूरा करती है। टगबोट भारतीय नौसेना के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये कई प्रकार की महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाते हैं:
- नौसैनिक जहाजों की गति और संचालन में सहायक: टगबोट बड़े युद्धपोतों और अन्य नौसैनिक जहाजों को डॉकिंग और अनडॉकिंग में सहायता करते हैं, खासकर जब ये बड़े पोर्ट या बंदरगाहों में होते हैं। इसके अलावा, यह मरीन क्षेत्रों में जहाजों को दिशा बदलने में भी मदद करते हैं, विशेष रूप से जब जहाजों को धीमा करने या आपातकालीन स्थिति में तट पर लाने की आवश्यकता होती है।
- सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियाँ: टगबोट संकट या आपातकालीन स्थितियों में तत्काल मदद प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई नौसैनिक जहाज डूब रहा हो या उसे किसी कारणवश तट की ओर लाना हो, तो टगबोट इसे संभव बनाते हैं।
- समुद्री युद्ध की रणनीति में सहायक: टगबोट समुद्र में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात हो सकते हैं और युद्धपोतों के आंदोलन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। युद्ध के दौरान यह गति और मनोबल को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, खासकर जब नौसैनिक बल को त्वरित और कुशलतापूर्वक संचालन करने की आवश्यकता हो।
- अंतरराष्ट्रीय जल सीमा सुरक्षा: भारतीय नौसेना को विदेशी जल सीमाओं और तटीय क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए भी टगबोट की आवश्यकता होती है, जो बड़ी नौसैनिक गतिविधियों में मदद करते हैं और तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाते हैं।
इस प्रकार, टगबोट भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत में एक महत्वपूर्ण घटक होते हैं, जो ऑपरेशनल और आपातकालीन स्थितियों में सहायक होते हैं।