Front Pageधर्म/संस्कृति/ चारधाम यात्रा

शीतकाल के लिए बंद हो गये बदरीनाथ धाम के कपाट

प्रकाश कपरूवाण की रिपोर्ट-

बदरीनाथ/ज्योतिर्मठ, 18 नवंबर। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर को सेना के भक्तिमय बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ विधि- विधान एवं भगवान बदरीविशाल के उदघोष के साथ रात्रि 9 बजकर 07 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये, कपाट बंद होने के अवसर पर श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा मंदिर को फूलों से सजाया गया ।

स्थानीय लोक कलाकारों तथा महिला मंगल दल बामणी, पांडुकेश्वर द्वारा स्थानीय लोकनृत्य तथा जागर आदि का आयोजन किया गया, दानीदाताओं तथा सेना ने श्रद्धालुओं के लिए भंडारों का आयोजन किया है

बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने यात्रा समापन के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है तथा श्री बदरीनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभागों, संस्थाओं, हक हकूक धारी समाज, तीर्थ पुरोहितों तथा ब्यापार संघ का आभार जताया ।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने यात्रा समापन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने श्री बदरीनाथ धाम यात्रा समापन के अवसर पर भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये तथा कहा कि प्रशासन तथा मंदिर समिति के समन्वयन से श्री बदरीनाथ यात्रा कुशलतापूर्वक संपन्न हो रही है रिकार्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे है। श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से चल रहा है जिससे तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का सफल समापन हो रहा है सवा चौदह लाख से अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये हैं मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों के सरल सुगम दर्शन व्यवस्था की।

कपाट बंद होने के दिन सोमवार शाम शयन आरती पूजा अर्चना शुरू होने से पहले शाय: तक श्रद्धालु दर्शन‌ किया दिन में भोग के बाद मंदिर बंद नही हुआ।तथा रात्रि 7.30 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी। रावल अमरनाथ नंबूदरी धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया ने कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी की ।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह से बाहर आये तथा इसके बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री रूप धारणकर मां लक्ष्मी को मंदिर गर्भ गृह में विराजममान किया

तत्पश्चात रात्रि सवा 8 बजे भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंगल दल द्वारा बुनकर तैयार किया गया घृत कंबल औढाया गया उसके बाद रात 9 बजकर 07 मिनट रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंदकर दिये।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि सोमवार प्रात:18 नवंबर सोमवार को 10 बजे श्री उद्धवजी श्री कुबेर जी एवं रावल जी सहित आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान करेगी।

 

उद्धव एवं कुबेर शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे तथा 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद 19 नवंबर को आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी रावल धर्माधिकारी वेदपाठी सहित श्री नृसिह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगी। इसके बाद योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें भी शुरू हो जायेगी।

इससे पहले लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, प्रदीप भट्ट की देखरेख में भगवान बदरीविशाल के खजाने के साथ श्री गरूड़ जी 18 नवंबर सोमवार को श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे।

 

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन कोटद्वार विधायक दिलीप रावत, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती,श्री बदरीनाथ’ केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी संदीप तिवारी मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ,अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट अवर अभियंता गिरीश रावत,राजेंद्र सेमवाल,मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, विनोद डिमरी, पीताम्बर मोल्फा,अजीत भंडारी,योगंबर नेगी,अजय सती, अनसूया नौटियाल, दिनेश भट्ट सहित मंदिर समिति के सभी अधिकारी कर्मचारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि,हक हकूहकधारी एवं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!