सुरक्षा

“युद्ध और गोलाबारी के बदलते स्वरूप” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

Speaking on the occasion, the Army Chief reminded the audience of the major initiatives undertaken by Gen Rodrigues as the Army Chief. He highlighted that the induction of Women Officers in streams other than the Medical Corps, commenced for the first time in 1992 when General Rodrigues was the COAS. “Today, the number of Women Officers in Olive Greens is more than 1700, with 740 granted Permanent Commission and 114 approved for command assignments. In other ranks, we have 100 plus in the regular cadre in the Corps of Military Police and 100 new entrants have joined as Agniveers”, the COAS mentioned.

-uttarakhandhimalaya.in —

नई दिल्ली, 20  सितम्बर। भारतीय सेना ने पूर्व सेनाध्यक्ष (सीओएएस) और पंजाब के राज्यपाल स्वर्गीय जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स की स्मृति में उनके 90वें जन्मदिन के अवसर पर आज नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में पहले “जनरल एसएफ रोड्रिग्स स्मारक व्याख्यान” का आयोजन किया। व्याख्यान में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने मुख्य भाषण दिया। इसमें भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ सेवारत और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।

फोरम की शुरुआत पूर्व सेनाध्यक्ष के संस्मरणों से हुई। इसके बाद सेना प्रशिक्षण कमान (एआरटीआरएसी) के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) ने “युद्ध और गोलाबारी के बदलते स्वरूप” विषय पर व्याख्यान दिया।

जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स का जन्म वर्ष 1933 में मुंबई में हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल से की थी। जनरल रोड्रिग्स वर्ष 1949 में संयुक्त सेवा विंग के पहले पाठ्यक्रम में सममित हुए और 28 दिसंबर 1952 को उन्हें आर्टिलरी रेजिमेंट (9 फील्ड रेजिमेंट) में नियुक्त किया गया। जनरल ऑफिसर ने विभिन्न फील्ड और सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी इकाइयों में सेवा की और बाद में वर्ष 1960 में एक आर्टिलरी एविएशन पायलट बन गए। इस दौरान उन्होंने वर्ष 1962 और 1965 के युद्धों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने थल सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से पहले थल सेना के उप प्रमुख तथा मध्य और पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के पदों पर भी कार्य किया है। उन्होंने 1 जुलाई 1990 से 30 जून 1993 तक थल सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्डेय ने इस अवसर पर अपने संबोधन में उपस्थित लोगों को जनरल रोड्रिग्स द्वारा सेना प्रमुख के रूप में की गई प्रमुख पहलों की याद दिलाई। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मेडिकल कोर के अलावा अन्य विभागों में महिला अधिकारियों को शामिल करना वर्ष 1992 में पहली बार शुरू हुआ जब जनरल रोड्रिग्स थल सेनाध्यक्ष थे। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, “आज, थल सेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1700 से अधिक है, जिनमें से 740 महिलाओं को स्थायी कमीशन प्रदान किया गया है और 114 महिलाओं को कमांड के कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। अन्य रैंकों में, हमारे पास सैन्य पुलिस कोर में नियमित कैडर में 100 से अधिक महिलाएं शामिल हैं और 100 नव नियुक्त महिलाओं को अग्निवीरों के रूप में शामिल किया गया है।”

जनरल मनोज पांडे ने यह भी याद किया कि कैसे जनरल एस एफ रोड्रिग्स ने संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत विभिन्न कार्यों में भारतीय सेना की उपस्थिति को प्रोत्साहित किया। जनरल पांडे ने कहा कि यह उनके प्रयासों का परिणाम था कि संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय सेना के जवानों की सदस्यता वर्ष 1991 में मात्र आठ कर्मियों से बढ़कर वर्ष 1992 में 1000 और 1993 में 6300 हो गई। उन्होंने उल्लेख किया, “संयुक्त राष्ट्र मिशन में वर्तमान में भारतीय सैनिकों की संख्या लगभग 6000 से अधिक है, जिन्हें दुनिया भर में 11 मिशनों में तैनात किया गया है।

जनरल रोड्रिग्स एक अनुकरणीय सैन्य अधिकारी और एक रणनीतिक विचारक थे, जो सैन्य नैतिकता, लोकाचार और मूल्यों का गहराई से पालन करते थे। उन्होंने भारतीय सेना की आधुनिकीकरण योजना को तेजी से आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज का कार्यक्रम जनरल रोड्रिग्स द्वारा भारतीय सेना और राष्ट्र के लिए किए गए योगदान का स्मरण करने के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि के रूप में था।

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