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नफ़रतें ख़त्म होकर, शुरू फिर से हों प्यार के सिलसिले इस नये साल में

आओ मिलकर गले इस नये साल में
भूल जायें गिले इस नये साल में।
घर न कोई जले इस नये साल में
फूल हर सू खिले इस नये साल में।
देशवासी सभी चाहते हैं यही
देश फूले फले इस नये साल में।
नफ़रतें ख़त्म होकर, शुरू फिर से हों
प्यार के सिलसिले इस नये साल में।
आपका साथ यूँ ही, मिला जो हमें
जीत लेंगे किले इस नये साल में।
सबके आँगन में खुशियों की गंगा बहे
और विपदा टले इस नये साल में।
बस तमन्ना है ‘अम्बर’ हमारी यही
हो सभी के भले इस नये साल में।

–उषा रावत, एडमिन/ संपादक

uttarakhand himalaya.in

 

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