राजनीति

हमेशा विवादों में रहने वाली मंत्री रेखा आर्य अब कांवड़ यात्रा को लेकर सुर्खियों में

देहरादून, 27 जुलाइ (उहि)। कभी विभागीय सचिवों से टकराव तो कभी अद्भुत बयानों के लिये सदैव चर्चाओं में रहने वाली उत्तराखण्ड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य अब अपनी कांवड़ यात्रा को लेकर सुर्खियों में हैं। इस यात्रा से उन्हें मनवांछित प्रचार मिला हो या नहीं मगर हर बार की तरह नेगेटिव प्रचार अवश्य मिल गया है। कुछ दिन पहले ही वह बरेली के अपने पारिवारिक कार्यक्रम में अधिकारियों को भाग लेने का आदेश देकर चर्चाओं में थी। उससे पहले वह सचिव के साथ टकराव के कारण सुर्खियों में रहीं।जनवादी महिला समिति ने मंत्री रेखा आर्य के कांवड़िया बनने के आदेश पर कड़ी आपत्ति प्रकट की है।

जनवादी महिला समिति की प्रान्तीय महामंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि वास्तव में मन्त्री का बयान हास्यास्पद है ।जिस मन्त्री के विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सेविकाऐं बर्षों से अपने मानदेय बढाने के लिए चक्कर काट रही हों तथा आंगवानड़ी केन्द्र में बच्चों के लिए मिल रहे पुष्टाहार भोजन में निरन्तर  कटौती हो रही हो व बिना इलाज के हरदिन राज्य में कोई न कोई बच्ची दम तोड़ती हो  तथा महिलाओं के उचित ईलाज न मिलता हो ,वहाँ इस प्रकार की बातें मुख्य समस्याओं से ध्यान भटकाने के सिवाय कुछ नहीं है ।मन्त्री को अपने संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए ।यही जनवादी महिला समिति की जनहित में मांग है ।

इस पहले उत्तराखंड की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्य अपने एक विवादित बयान के बाद से चर्चा में आ गई थीं। मंत्री रेखा आर्य ने राज्य के सेक्स रेश्यो को सुधारने के लिए अपने विभाग के अधिकारियों को कांवड़ यात्रा के समापन के दिन यानी 26 जुलाई को शिवलिंग पर जल अभिषेक करते समय एक सेल्फी क्लिक करने को कहा था। उनके इस बयान के बाद से ही वो लगातार विपक्ष के निशाने पर रहीं।

उससे भी पहले खाद्य विभाग के अधिकारी ने एक पत्र लिखकर अधिकारियों और कर्मचारियों को मंत्री रेखा आर्य के बरेली में होने वाले निजी कार्यक्रम में भाग लेने को  निर्देशित किया था।  इसके बाद सवाल उठने लगे कि विभागीय मंत्री के बरेली में होने वाले निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी अधिकारी अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को कैसे इस तरह का पत्र लिख सकता है। इस मामले को लेकर रेखा आर्य विवादों में थी और विपक्षी दल से लेकर तमाम बुद्धिजीवी भी उन पर अपने स्तर से बात कर रहे थे, तभी उनका एक नया पत्र वायरल होने लगा है।

पिछले साल रेखा आर्य का बकरियों के विवाह को लेकर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज से विवाद हो गया था। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज का कहना  था  कि पशुपालन प्रोत्साहन के लिए प्रयास किए जाएं, अच्छा है। लेकिन, वहां मंत्रोच्चार के बीच बकरियों के ब्याह कराए जाएं, यह ठीक नहीं है। यह एक तरह से हमारी संस्कृति का उपहास होगा।

 

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