आपदा/दुर्घटना

आपदाओं से निपटने की तैयारियां परखने के लिए उत्तरकाशी में हुयी मॉक ड्रील

उत्तरकाशी 23 अगस्त। बाढ एवं भूस्खलन के कारण संभावित आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र के विभिन्न सहयोगियों के संसाधनों, समन्वय और संचार के प्रदर्शन और परख के लिए जिला मुख्यालय में आज मॉक ड्रिल का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित की गई मॉक ड्रिल के लिए जोशियाड़ा में इन्द्रावती पुल के नजदीक गंगोत्री बाईपास मार्ग पर भारी भूस्खलन होने तथा ज्ञानसू कस्बे के ऊपरी क्षेत्र में स्थित पाडुली खाले में बादल फटने के कारण बाढ आने व इससे कई लोगों के फंसने व घायल होने के बनावटी परिदृश्यों की रचना की गई थी।

11 बजे प्रारंभिक सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम में घटना से संबंधित विस्तृत ब्यौरों को जुटाने और प्रभावित क्षेत्र की स्थिति का तात्कालिक आकलन की कवायद शुरू कर दी गई। इंद्रावती पुल के निकट भूस्खलन व पुल क्षतिग्रस्त होने से यातायात अवरूद्ध होने और वहां पर कई वाहनों के फंसने व कुछ लोगो के घायल होने की भी सूचना प्राप्त हुई। दूसरी तरफ ज्ञानसू स्थित पाडुली खाले में बाढ का पानी घरों में घुसने और लोगो के घरों में फंसे होने के साथ ही कुछ लोगों एवं जानवरों के घायल होने की सूचना भी प्राप्त हुई। जिलाधिकारी ने प्रारंभिक सूचनाओं के प्राप्त होते ही इन्सीडेंट रिस्पान्स सिस्टम (आईआरएस) एवं रामलीला मैदान में स्टेजिंग एरिया को तत्काल सक्रिय करने के निर्देश देते हुए आईआरएस के सभी अधिकारियों को कंट्रोल रूम रिपोर्ट करने और सभी विभागों को अपने संसाधन तत्काल स्टेज एरिया में पहुंचने को कहा।

जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने इन्द्रावती पुल के लिए उपजिलाधिकारी भटवाड़ी चतर सिंह चौहान तथा पाडुली खाले के लिए उपजिलाधिकारी डुण्डा बृजेश कुमार तिवारी को इन्सीडेंट कमांडर नियुक्त करते हुए मौके पर तत्काल राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित करने की कमान सौंपी।

दोनों इंसीडेंट कमांडरों ने तुरंत मौके पर जाकर नजदीकी थानों के पुलिसकर्मियों, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों के साथ ही स्थानीय लोगों के सहयोग से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। घटना स्थल के लिए एम्बुलेंस, चिकित्सा दलों, पशु चिकित्सा टीमों, सड़कों को चालने के लि मशीनों को भी तुरंत ही रवाना करवा दिया गया। थोड़ी देर बाद जिला मुख्यालय से भेजे गए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दस्तों ने भी रेस्क्यू अभियान में जुटते हुए मौके से घायलों और फंसे लोगों को निकाला। रेस्क्यू टीमों द्वारा इन्द्रावती पुल के पास फंसे 8 घायलों को भूस्ख्लन के मलवे के बीच से निकालकर एम्बलेंस के जरिए जिला अस्पताल पहॅंचाया और दो लोगों को रस्सी के सहारे बचाने की कार्रवाई की ।

यहां पर फंसे वाहनों व यात्रियों को सुरक्षित निकालने के साथ ही लगभग एक घंटे के भीतर मशीनों की सहायता से सड़क को खोल दिया गया। उधर पाडुली में भी घरों में फंसे 15 लोगों को एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित नदी के रास्ते बाहर निकालने और क्यूआरटी द्वारा 4 घायलों को स्ट्रेचर से सड़क तक पहुंचाकर अस्पताल के लिए रवाना करने के कार्रवाई की गई। यहां पर फायर ब्रिगेड द्वारा गिरे पेड़ों को काटकर हटाने और पशु चिकित्सा टीमों द्वारा घायल पशुओं का उपचार करने की कार्रवाई को भी अंजाम दिया गया। लगभग डेढ घंटे की कवायद के बाद दोनों स्थानों पर रेस्क्यू अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कर लिए जाने की घोषणा की गई। ड्रिल में आईटीबीपी, बीआरओ सहित अनेक विभाग व संगठनों को भी स्टैण्डबाई में रखा गया था।

इस मॉक ड्रिल के संपन्न होने पर जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी विभाग व संगठनों के साथ ही नागरिक समुदाय की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, लिहाजा इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण और जागरूकता बढाने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जांय। समीक्षा बैठक में एसडीएम भटवाड़ी चतर सिंह चौहान, एसडीएम डुण्डा बृजेश कुमार तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी डी.पी.बलूनी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आर.सी.एस.पंवार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.बी.डी.ढौडियाल, जिलासैनिक कल्याण अधिकारी कै.(नेवी) रंजीत सेठ, बीआरओ के कमान अधिकारी नमन नरूला, सी.ओ. प्रशांत कुमार, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई आशीष भट्ट जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, आपदा प्रबंधन सलाहकार जयप्रकाश पंवार, एनडीआरएफ के द्वितीय कमान अधिकारी रवि शंकर बलूनी, असिस्टेंट कमाडेंट सुनील कुमार, इस्पेंक्टर अमलेश कुमार, एसडीआरएफ के उप निरीक्षक रविन्द्र रावत आदि उपस्थित रहे।

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