चमोली में कुछ जगहों तबाही मचाने के बावजूद गौचर क्षेत्र में बूंदाबांदी तक सीमित है मानसून
-गौचर से दिगपाल गुसाईं –
चमोली जिले में भले ही मानसून ने एक सप्ताह पहले दस्तक देकर जगह जगह तबाही मचाना शुरू कर दिया हो लेकिन गौचर क्षेत्र में मानसूनी बारिश बूंदाबांदी से आगे नहीं बढ़ पाई है। इससे कास्तकारी का काम भी थमा सा नजर आ रहा है।
सिंचाई व्यवस्थाओं के कुप्रबंध के चलते यहां के कास्तकारों को फसलों की बुवाई व धान की रोपाई के लिए बारिश के भरोसे रहना पड़ता है।इसबार जाड़ों की बारिश तो नहीं हुई लेकिन मई माह के अंतिम दिनों में हुई बारिश से कास्तकारों ने धान की नर्सरियां डालने के साथ ही कोदा झिंगोरा के अलावा दलहन की फसलों की बुवाई कर दी थी। अब धान की नर्सरियां जहां रोपाई के लायक तैयार हो गई हैं वहीं अन्य फसलों की निराई गुड़ाई का भी समय निकलता जा रहा है। इसके लिए बारिश की नितांत
आवश्यकता है।
सिंचाई के अभाव में धान की रोपाई भी गति नहीं पकड़ पाई है। क्षेत्र में बादलों की आमद तो हो रही है। लेकिन बारिश बूंदाबांदी से आगे नहीं बढ़ पा रही है। वह भी चंद मिनटों के लिए बारिश न होने से कास्तकारी का काम जहां गति नहीं पकड़ पाया है वहीं फसलों, पेड़ पौधों की बढ़वार भी थमी हुई है। कास्तकारों को इस बात की चिंता शताने लगी है कि समय रहते आवश्यकतानुसार बारिश नहीं हुई तो उन्हें गेहूं के फसल जैसा नुक़सान न उठाना पड़ सकता है।