करोड़ों रुपयों की लागत के बावजूद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के गाव का निकटवर्ती मोटर मार्ग खस्ता हाल में
-पोखरी से राजेश्वरी राणा –
पोखरी विकासखंड का जौरासी तोणजी मोटर मार्ग करोडो रुपये खर्च होने के बाद भी खस्ताहाल हाल् में है । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर की मार्ग को खोलने और कार्यदायी संस्था एनपीसीसी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
तोणजी के प्रधान मुकेश नेगी, वन पंचायत सरपंच सुबेदार मातवर नेगी, मनोज नेगी, पूर्व प्रधान माहेश्वरी नेगी, हुकम सिंह नेगी, महिला मंगल दल अध्यक्ष गणेशी देवी सहित तमाम ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि किमोठा और तोणजी ग्राम सभाओं को जोड़ने के लिए शासन से 9,5 कि मी मोटर मार्ग स्वीकृत हुआ था । प्रथम फेज के तहत पीएमजीएसवाई द्धारा समरेखण बदल कर केवल 7.5 कि मी सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया गया वाकी 2 कि मी सड़क मार्ग का निर्माण कार्य अभी बाकी है और सड़क मार्ग खस्ताहाल स्थिति में पढ़ा हुआ है ।
अगर पूर्व समरेखण के अनुसार सड़क मार्ग का निर्माण होता तो आज सड़क मार्ग खस्ताहाल हाल स्थिति में नहीं पहुंचता साथ ही ग्रामीणों को उनके सड़क के लिए कटे खेतों का मुआवजा आज तक नहीं मिला है। फिर सड़क मार्ग पर द्बितीय फेज का निर्माण कार्य करने की जिम्मेदारी सरकार द्धारा कार्यदायी संस्था एनपीसीसी को सौंपी गयी है । जिसके तहत पूरे मार्ग पर ब्रेस्ट वाल ,सुरक्षा दीवारें लगायी जानी है । नालियों और स्कवरो का निर्माण कार्य किया जाना है ।साथ ही पूरे सड़क मार्ग पर डामरीकरण का कार्य किया जाना है । लेकिन द्बितीय फेज का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था एनपीसीसी ने प्रथम चरण का कार्य कर चुकी कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई का भी रिकार्ड तोड कर सड़क मार्ग को गर्त में धकेल दिया है ।कि मी 4 से लेकर 7 तक कहीं भी स्कवर नहीं बनाये गये है । ब्रिस्ट लाल और सुरक्षा दीवारें नहीं लगायी गयी है । नालियों का निर्माण नहीं किया गया है ।जिस कारण वर्षात का सारा पानी सड़क मार्ग पर बह कर तोणजी गांव में आ रहा है ।जहां ग्रामीणों की खेती-बाड़ी चौपट हो गयी है ।वहीं गांव के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है ।कार्यदायी संस्था एनपीसीसी की लापरवाही सीमा को पार कर गयी है। जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर एक माह से खराब पड़ी हुई है । लापरवाही की हद तब और बढ़ गयी जब सड़क मार्ग पर द्बितीय फेज का कार्य कर रहे मजदूर गांव में ध्याड़ी मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं ।
इसका मतलब कार्यदायी संस्था ने जहां निर्माण कार्य के प्रति अपना मूंह फेर लिया है ।वहीं मजदूरों की सुध लेना भी भूल गयी है ।सड़क मार्ग की खस्ताहाल स्थिति को ठीक करने के लिए ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के तहसील दिवसों में बार बार लिखित रुप से मामला उठाया ,शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी लिखित रुप से अवगत कराया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । निर्माण कार्य में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा भारी-भरकम घोटाला किया गया है। जिसका परिणाम सड़क मार्ग खस्ताहाल स्थिति में पहुंच कर एक माह से अवरुद्ध पड़ा हुआ है ।और ग्रामीण पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं ।तथा दैनिक उपभोग की वस्तुओं को बाजार से पीठ पर लादकर ले जाने को मजबूर हैं ।गांव के छात्र छात्राएं भी पढ़ाई के लिए स्कूलो और कालेजों को पैदल आने जाने को मजबूर हैं । समस्या तब और गम्भीर हो जाती है ।जब बीमार बुजुर्गों बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण चारपाई और बड़ी कंडी के सहारे अस्पताल पहुचाने को मजबूर होते हैं ।
लिहाजा अविलम्ब कार्यदायी सस्था के खिलाफ कार्रवाई कर सड़क मार्ग की खस्ताहाल स्थिति को ठीक करवाया कर यातायात के लिए खोला जाय जिससे उन्हें आवागमन करने में परेशानी न हो वरना ग्रामीण कार्र्यदायी सस्था एनपीसीसी के खिलाफ तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।