टीएमयू और हाक आई के बीच एमओयू साइन
–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल सांइसेज के फैकल्टीज़ और स्टुडेंट्स के लिए तरक्की का एक और द्वार खुल गया है। अब फॉरेंसिक के अध्यापक और छात्र-छ़ात्राए डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक से जुड़ी नवीतम तकनीकों में आसानी से दक्षता प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए टीएमयू और हाक आई फॉरेंसिक, नोएडा के बीच एक मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग-एमओयू साइन हुआ है। एमओयू के अनुसार हाक आई फॉरेसिंक टीएमयू के फॉरेंसिक विभाग की फैकल्टीज़ और स्टुडेंट्स को डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में प्रयोग होने वाली नई-नई तकनीकों का प्रशिक्षण देगी। टीएमयू की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने जबकि हाक आई फॉरेंसिक की ओर से डायरेक्टर श्री आशीष कुंतल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह, एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन, कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, एमएलटी की एचओडी डॉ. रूचि कांत, हाक आई फॉरेंसिक के मार्केटिंग मैनेजर श्री मृदुल कुमार, फैकल्टी श्री आकाश चौहान आदि की गरिमायी मौजूदगी रही।
दूसरी ओर वर्कशॉप में हॉक आई फॉरेंसिक के डायरेक्टर और साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट श्री कुंतल ने कहा, डिजिटल फॉरेंसिक के क्षेत्र में जॉब के सुनहरे अवसर हैं। वर्तमान में फॉरेंसिक साइंस सिर्फ सरकारी लैब्स तक ही सीमित नहीं है। डिजिटल फॉरेंसिक, फॉरेंसिक साइंस की ऐसी शाखा है, जिसका कॉर्पोरेट और प्राइवेट क्षेत्र में बहुत बड़ा स्कोप है। स्टुडेंट्स को जॉब के अनेक विकल्प हैं। कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के फॉरेंसिक साइंस विभाग की ओर से इंनोवेशंस इन डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक टू अक्सेलरेट इंवेस्टीगेशंस पर आयोजित वर्कशॉप में श्री आशीष बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पहले फॉरेंसिक एक्सपर्ट श्री कुंतल और कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर तीर्थंकर महावीर डेंटल कॉलेज के डॉ. गीतांशु डावर, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डॉ. अनिल कुमार सिंह भी मौजूद रहे। वर्कशॉप के दूसरे सत्र में छात्रों को सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके फॉरेंसिक रिपार्ट तैयार करना सिखाया। वर्कशॉप में आरआईटी की हेड श्रीमती प्रियंका सिंह, फैकल्टीज़- डॉ. अर्चना जैन, मिस चिंतकयाल पूर्णिमा, श्री मनोज डढवाल, श्री देवेन्द्र सिंह, श्री बैजनाथ दास के संग-संग कॉलेज के 80 स्टुडेंट्स भी उपस्थित रहे।