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उत्तम आर्जव धर्म पर रिद्धि-सिद्धि भवन में विधि-विधान से हुआ णमोकार मंत्र पूजन

–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

जैनाचार्य श्रीमद् विजय धर्मधुरंधर सुरीश्वर जी महाराज उत्तम आर्जव धर्म पर बोले, मैं तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के रिद्धि-सिद्धि भवन में पर्युषण पर्व की आराधना कराने आया हूँ। पर्युषण पर्व अर्थात जैन धर्म की एक पहचान है। आत्मा की शुद्धि का वचन है। आत्मा और संस्कृति को याद दिलाने वाला ही पर्युषण पर्व है। उन्होंने कहा, विभाव क्रोध का प्रतीक तो स्वभाव क्षमा का प्रतीक है। क्षमा आत्मा का ही स्वभाव है। उन्होंने रिद्धि-सिद्धि भवन में मौजूद सभी को आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व धर्मधुरंधर महाराज के स्वागत के लिए यूनिवर्सिटी ने मुख्यद्वार से रिद्धि-सिद्धि भवन तक पलक-पावड़ें बिछा दिए। दिव्यघोष की मधुर ध्वनि और जयकारों से कैंपस गूँज उठा। महाराज जी की अगवानी में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जैन की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। जिनालय में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और जीवीसी श्री मनीष जैन ने जैनाचार्य श्रीमद् विजय धर्मधुरंधर सुरीश्वर जी महाराज का पाद प्रक्षालन किया। अंत में गुरुवर आज मेरी कुटिया में आए हैं… फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन ने मंगलाचरण महाराज श्री की उपस्थिति में अपने मुखारविंद से प्रस्तुत किया। महाराज श्री के संग आए सभी श्रावक-श्राविकाओं को श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। महाराज श्री तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के संत भवन में विराजमान हैं।

विधि-विधान से हुआ अभिषेक और शांतिधारा       

रिद्धि-सिध्दि भवन में उत्तम आर्जव के दिन प्रथम स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य विरल जैन, द्वितीय स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अतिशय जैन, दक्ष जैन, तृतीय कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अक्षत जैन, ऋतिक जैन और चतुर्थ कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य चरित्र सेठी, सार्थक जैन को प्राप्त हुआ। श्रीजी का स्वर्ण कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य तनिष्क जैन, ऋषभ जैन, अभिषेक जैन, शिरीष जैन, ऋषभ जैन, अनुज जैन, अनुरूप जैन, सम्यक जैन, हर्षित जैन, दीप जैन, पारस जैन और रजत कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य विशेष जैन, ईशान जैन, वीरम जैन, अनमोल जैन, हर्ष जैन, नमन जैन, ईशान जैन, प्राशु जैन, रौनक जैन, आदित्य जैन, पारस जैन को प्राप्त हुआ।  शांतिधारा अभिषेक करने वालों को सम्मानित किया गया, भोपाल से रजनीश जैन एंड पार्टी ने अपनी सुरीली आवाज पर न्हवन कराओ माता त्रिशला के लाल को…, नवग्रह जिसके रहे साथ…, मधुवन के पर्वतों पर…, गुरुवर आज मेरी कुटिया में आए हैं…, पँखेड़ा ओ, पँखेड़ा…, कलशा ढालो रे…,  भजनों पर श्रावक और श्राविकाएं जमकर झूमे।

 

आपका जैसा स्वभाव है, वैसे ही रखिएगा: प्रतिष्ठाचार्य 

रिद्धि-सिद्धि भवन में सम्मेद शिखर जी से आए पंडित ऋषभ जैन ने विधि विधान से विनय पाठ, णमोकार मंत्र पूजन,सोलहकारण पूजन, पंचमेरू पूजन, दसलक्षण पूजन कराया। उत्तम आर्जव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिष्ठाचार्य बोले, मन वचन और काय तीनों योगों को  सरल करना है। आपका जैसा स्वभाव हो, उसे वैसा ही रखना है। क्रोध मान और परिणामों को स्वच्छ और सरल रखना है। ऋजुता का भाव भी आर्जव धर्म कहलाता है। आज का नियम देते हुए कहा, किसी को दर्पण नहीं देखना है। इससे पूर्व ऑडी में प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन ने अपने प्रवचन में स्वामी विवेकानंद की लघु कहानी सुनाते हुए उत्तम मार्दव धर्म की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा, स्वामी जी ने बचपन में एक छोटे बालक के जीवन की रक्षा को अपने प्रिय खिलौनों को त्याग दिया अर्थात कहानी का संदेश यह था, यदि आप किसी के लिए कुछ त्याग करते हैं तो उसकी सार्वजानिक चर्चा मत कीजिएगा।

 

अंत्याक्षरी में टीम महावीरा का रहा जलवा; जीता ख़िताब  

सांस्कृतिक सांझ पर एजुकेशन एंड एग्रीकल्चर के स्टूडेंट्स ने अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाया। अंत्याक्षरी प्रतियोगिता में पांच टीमों ने शिरकत की। इन टीमों में एग्रीकल्चर एंड एजुकेशन के अलावा विभिन्न कॉलेजों के स्टुडेंट्स ने भी प्रतिभाग किया। टीम महावीरा का पांच राउंड तक चली इस प्रतियोगिता में जलवा रहा। अंत्याक्षरी में प्रतियोगियों को पहेली, पहचानों तो जानो, एक्ट, शब्द मिलाओ और गाना गाओ आदि प्रतियोगिताएं शामिल रहीं। टीम महावीरा में सर्वज्ञ चौधरी, विशेष जैन, भावेश जैन आदि छात्रों ने अपने सुरों का जलवा बिखेरा। दूसरा स्थान कुण्डलपुर जबकि, तीसरा स्थान चम्पापुरी टीम की झोली में आया। कुण्डलपुर टीम में जतिन जैन, सोनम जैन, यश्वी जैन और टीम चम्पापुर से निष्ठा जैन, दिशा जैन, सिमरन जैन ने प्रतियोगिता में शामिल रहे। श्रीमती अंशिका जैन और श्रीमती श्रुति जैन निर्णायक मंडल में रहीं। इससे पूर्व दैनिक हिन्दुस्तान, मुरादाबाद यूनिट के संपादक श्री भूपेंद्र उपाध्याय को यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। श्री उपाध्याय ने अपने संक्षिप्त सम्बोधन में कहा, मैं तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। श्री उपाध्याय बोले, टीएमयू जैसा भव्य और आस्थामय दसलक्षण महोत्सव जीवन में नहीं देखा।

 

जगी देशभक्ति की अलख, नारी सशक्तिकरण का भी भावपूर्ण स्मरण 

कल्चरल कार्यक्रम का शंखनाद माँ सरस्वती के समक्ष नारी शक्ति ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन की स्टुडेंट्स- आस्था जैन और सृष्टि जायसवाल ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। एग्रीकल्चर कॉलेज के स्टुडेंट्स ने ग्रुप डांस के जरिए मिश्रित गीतों पर अहिंसा परमो धर्म थीम पर न भुलाने वाली प्रस्तुति दी। इसके माध्यम से नारी सशक्तिकरण को दर्शाया गया। इस प्रस्तुति में अनमोल कुमार, शालिनी कुमारी, अभिषेक सावन, प्रिन्सी चौहान, सोनल, अंकिता यादव, वैभव टोंक, अभिलेख सिंह आदि छात्र-छात्राएं शामिल रहे। कल्चरल इवनिंग में कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन के स्टुडेंट्स ने भी अपना जलवा बिखेरा। एजुकेशन के छात्र-छात्राओं ने नाटक के जरिए देशभक्ति की अलख जगाई। भारत हमको जान से भी प्यारा है, गीत के जरिए कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत को दर्शाया गया। मूवी शेरशाह के सभी गानों के संग-संग तेरी मिटटी में मिल जावां की भी प्रस्तुति हुई। कैप्टन विक्रम बत्रा के पार्थिव शरीर को तिरंगों के बीच ऑडी में जैसे ही घुमाया गया, कुलाधिपति सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और श्रीमती ऋचा जैन समेत भवन में उपस्थित सभी फैकल्टीज मेंबर्स और श्रावक-श्राविकाओं ने खड़े होकर श्रद्धांजलि दी। इस प्रस्तुति में आस्था जैन, शिवांगी शर्मा, मोनिका कटारिया, कोनिका, राधिका, दीक्षा गुप्ता, मयंक शर्मा, ख़ुशी सिंह आदि स्टुडेंट्स शामिल रहे। इसी बीच कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंस और एजुकेशन कॉलेज के जैन स्टुडेंट्स को स्मृति चिन्ह देकर विदाई दी। दोनों कॉलेज के स्टुडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के अपने अनुभव भी साझा किए। इससे पूर्व दिव्यघोष के बीच जिनालय से आरती को रिद्धि-सिद्धि भवन में में लाया गया, जिसमें डीन- छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह के संग-संग कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज और फैकल्टी ऑफ़ एजुकेशन की फैकल्टीज और स्टुडेंट्स शामिल रहे। अंत में सभी प्रतिभागियों को पुरुस्कृत किया गया। डॉ. रत्नेश जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ. नम्रता जैन और डॉ. शैफाली जैन ने संयुक्त रूप से किया।  कार्यक्रम में श्री एसपी जैन, डॉ आरके द्विवेदी, श्री विपिन जैन, डॉ. एसके जैन, प्रो. आरएन कृष्निया की गरिमामयी उपस्थिति रहीI इनके अलावा कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एमपी सिंह और सहायक संयोजक प्रो. रश्मि मेहरोत्रा, डॉ. कल्पना जैन, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. अशोक कुमार लखेरा आदि मौजूद रहे I

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