वेल्डिंग कार्य को तेज, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए नई स्मार्ट मशीन
शोधकर्ताओं ने पारंपरिक फ्यूजन वेल्डिंग या ठोसावस्था प्रक्रियाओं की तुलना में फेरस ट्यूबों की तेजी से वेल्डिंग करने के लिए स्मार्ट आईओटी आधारित मशीन विकसित की है। वर्तमान समय में इस मशीन का उपयोग ऊर्जा की कम खपत के साथ किया जाता है। मैन्यूफैक्चरिंग उद्योगों के उन्नत प्रौद्योगिकियों की ओर बढ़ने के साथ ऊर्जा खपत कम करने तथा मानव प्रेरित त्रुटियों से बचने के लिए वेल्डिंग प्रक्रिया को स्वचालित बनाना तथा पर्यावरण अनुकूल तरीके से उत्पादों का तेजी से निर्माण करना आवश्यक होता है।
दयानंद सागर विश्वविद्यालय बेंगलुरू के स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग इलेक्ट्रॉनिक्स तथा संचार विभाग के प्रोफेसर डॉ. एस. अरुंगलई वेंदन ने इंटरनेट ऑफ थिंक्स (आईओटी) एकीकृत मशीन विकसित की है। इसका नाम “मैग्नेटिकली इमपेल्ड आर्क बट वेल्डिंग इक्विमेंट है।” वेल्डिंग की गुणवत्ता का अनुमान व्यक्त करने के उद्देश्य से डेटा निकालने के लिए प्रोसेसर के साथ ध्वनि, कंपन, चाप प्रकाश की तीव्रता, तापमान के साथ-साथ धुंए के लिए मशीन सेंसर के साथ लगी होती है। कम लागत वाली आईओटी एकीकृत मशीन को विज्ञान और प्रौद्योगिक विभाग द्वारा समर्थन दिया गया।
एमआईएवी वेल्डिंग में पीएचडी प्राप्त डॉ. वेंदन ने दबाव भाग प्रयोगों के लिए इस प्रक्रिया की खोज विल्डिंग रिसर्च इंस्टिच्यूट, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, तिरुचिरापल्ली में की। विभिन्न औद्योगिक एप्लीकेशनों के लिए फेरस ट्यूबों में शामिल करने की प्रक्रिया की अपार क्षमता को देखते हुए अन्वेषक ने फेरस ट्य़ूबों को शामिल करने के लिए एक कम लागत वाली आईओटी एकीकृत एमआईएवी मशीन का विचार प्रस्तुत किया।
चुंबकीय दृष्टि से प्रेरित आर्क बट (एमआईएवी) वेल्डिंग में दो समाक्षीय रूप से रखी गई ट्यूबों के बीच एक चाप का प्रहार होता है। इसके बाद चाप धारा के अक्षीय घटक और चुंबकीय क्षेत्र के रेडियल घटक की परस्पर क्रिया होती है, जो लोरेंत्ज बल नामक बल का कारण बनती है। यह बल चाप पर कार्य करता है और इसे संयुक्त रेखा के चारों ओर 200m/s अनुमानित रैखिक गति के साथ धकेलता है, जो समान रूप से अधिकतम तापमान तक ट्यूब की सतहों को गर्म करता है, जिस पर यह ठोस (ठोस तापमान) होता है। नरम ट्यूब के किनारों (बट सिरों) को फिर वेल्ड करने के लिए फोर्जिंग से प्रवेश में मजबूत किया जाता है।
एफबीए-लॉरेंज फोर्स; एफबीआर-रेडियल दिशा में बल; बी-चुंबकीय क्षेत्र घनत्व; आई-धारा; आईआर-रेडियल दिशा में धारा
विकसित किए गए उपकरण को तीन बाहरी ब्यासों- 21.5 एमएम, 22.5 एमएम और 27 एमएम क्रमशः 2-3 एमएम मोटाई के लिए हल्के स्टील/कम कार्बन स्टील ट्यूबों की वेल्डिंग के अनुरूप बनाया जाता है, जो सामान्यतः मोटरवाहन और संरचनात्मक एप्लीकेशनों में लगाए जाते हैं। वैज्ञानिक दो आश्रित मानकों-चाप वेग और चक्रीय ध्वनि के लिए नए समीकरण स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जिसके आधार पर वेल्डिंग के बारे में सही अनुमान व्यक्त किया जा सकता है।
प्रधान अन्वेषक (डॉ. अरुंगलई वेंदन) तथा उनकी टीम के सदस्य
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