ब्लॉग

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पूर्वोत्तर की फिल्में

भारत की सात बहनों (सेवन सिस्टर्स) के प्रतिनिधित्व के बिना एमआईएफएफ कैसे पूरा हो सकता है जो हमेशा सारी दुनिया से अपने लिए सर्वश्रेष्ठ ही चुनता है, कैसे पूरा हो सकता है?

विशिष्ट सांस्कृतिक जनजातियों से लेकर आकर्षक हरे भरे वन्य आवरण और उत्तम व्यंजनों तक पूर्वोत्तर भारत हमेशा ही  विविधता और जीवंतता से समृद्ध रहा है। उत्कृष्टता और पूर्णता की खोज में पूर्वोत्तर पैकेज को 2006 से एमआईएफएफ का एक अभिन्न अंग बना दिया गया है। एमआईएफएफ के 17वें संस्करण में पूर्वोत्तर की वे 13 फिल्में भी शामिल हैं जो इन राज्यों के जीवन और परंपराओं को दर्शाती हैं।

पैकेज में 10 वृत्तचित्र और तीन लघु कथाएँ हैं। 10 वृत्तचित्रों में से अरुणाचल प्रदेश से दो जनजातियों गालोस और नोक्टेस की कासिक उप-जनजाति के जीवन और परंपराओं को लिया गया है ।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/2-15G55.jpg

(अरुणाचल प्रदेश की फिल्म “द सौंग वी सिंग“ से लिया गया चित्र )

असम से फ़िल्में

असम की डॉक्यूमेंट्री फिल्म असमिया सिखों के दिलचस्प जीवन का उल्लेख  करती है और यह  दिखाती  है कि कैसे सिख समुदाय ने राज्य में ने पंजाबी के बजाय असमिया भाषा को अपनाकर अधिक से अधिक असमिया सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक हलकों में कदम रखा है। लोहारों के एक गांव की पृष्ठभूमि के सम्मुख  एक अन्य वृत्तचित्र ‘फोर्जिंग फ्यूचर’, ग्रामीण असम में पीढ़ीगत परिवर्तन को दर्शाता है।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/2-2K8S7.jpg

(असमिया फिल्म “फोर्जिंग फ्यूचर“ से एक चित्र)

मणिपुर और मेघालय की फिल्में

मणिपुर के दो वृत्तचित्रों में से एक मणिपुर में सिनेमा के पचास वर्षों के इतिहास का वर्णन करता है। दूसरा – ‘मणिपुर माइंडस्केप्स’ मणिपुरी लोगों के लचीलेपन को समेटने का एक प्रयास है।

मेघालय की एकमात्र  फिल्म ‘बिकॉज वी डिड नॉट चूज“ वह सूक्ष्म दस्तावेज है जो प्रथम विश्व युद्ध में पूर्वोत्तर भारत के स्वदेशी श्रमिकों की भागीदारी की जांच करता है। शिलांग, गुवाहाटी, कोलकाता, चेन्नई और यूरोप में चार वर्षों में फिल्माई गई यह फिल्म युद्ध में स्वदेशी श्रम की अब तक  अनजानी  और भूली बिसरी   उपस्थिति पर प्रकाश डालती है।

मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम की फिल्में

मिजोरम राज्य का प्रतिनिधित्व दो फिल्मों द्वारा किया जा रहा है। जहां ‘द अनसर्टेन इयर्स’ कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों के जीवन की अंदरूनी कहानी को उजागर करने के साथ ही समाज, चिकित्सा स्वयंसेवकों और आम लोगों द्वारा इस स्थिति को सम्भालने के ऊपर है, वहीं ‘दिस इज मिजोरम’  फिल्म कलात्मक वर्णन के साथ-साथ मिजोरम की चित्ताकर्षक  प्राकृतिक सुंदरता के बारे में आकर्षक दृश्यों से भरपूर  है। नागालैंड की फिल्म लोंगफुरु समुदाय के लोगों के जीवन पर आधारित है, जो प्रवास की कई कहानियों को अपने साथ लेकर चलते हैं और अपनी आत्मनिर्भर जीवन शैली और विश्वदृष्टि को बनाए रखने के लिए वन और परम्परागत ज्ञान  के स्रोत  की तलाश भी जारी रखते हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/2-3RAXK.jpg

(“द एंडलेस नोट“ से एक चित्र)

सिक्किम का वृत्तचित्र  ‘द एंडलेस नोट’ इस  राज्य के लोक संगीत वाद्ययंत्रों पर है। असम की तीन लघु कथाओं में भी रोचक सामग्री है। जबकि पहली लघुकथा  ‘सैन्क्च्युरी’ एक नाटककार और एक उग्रवादी नेता की विचार प्रक्रिया में मतभेदों  से संबंधित हैI दूसरी  ‘नाओका’ फ्रांज काफ्का, बीथोवेन और सल्वाडोर डाली की कृतियों द्वारा उपजाए गए भ्रम के बारे में है। असम की एक और लघु फिल्म ‘ ए लिटिल सनशाइन’ एक वृद्ध जोड़े और उनके बीमार पालतू कुत्ते के इर्द-गिर्द घूमती है। पटकथा लेखक और पत्रकार चंदन सरमा ने इस विशेष पैकेज खंड में फिल्मों को संग्रहीत किया है।

किस  # MIFF2022 फिल्म ने आपके दिल की धड़कन को बढाया  या कम किया ? हैशटैग #MyMIFFLove . का उपयोग करके दुनिया को अपनी पसंदीदा एमआईएफएफ फिल्मों के बारे में बताएं

यदि आप कहानी से प्रभावित हैं, तो संपर्क करें! क्या आप फिल्म या फिल्म निर्माता के बारे में अधिक जानना चाहेंगे? विशेष रूप से, क्या आप पत्रकार या ब्लॉगर हैं जो फिल्म से जुड़े लोगों से बात करना चाहते हैं? पीआईबी आपको उनसे जुड़ने में मदद कर सकता है, हमारे अधिकारी महेश चोपडे से +91-9953630802 पर संपर्क करें। आप हमें miff.pib@gmail.com पर भी लिख सकते हैं।

इस  समारोह के महामारी- बाद के पहले  संस्करण के लिए, फिल्म प्रेमी इस उत्सव में ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं। https://miff.in/delegate2022/hybrid.php?cat=aHlicmlk पर एक ऑनलाइन प्रतिनिधि (अर्थात हाइब्रिड मोड के लिए) के रूप में निशुल्क पंजीकरण कराएं । जब भी उपलब्ध हों तब  प्रतियोगिता की फिल्में यहां देखी जा सकती हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!