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पेरिस बुक फेस्टिवल 2022 में भारतीय पैवेलियन में साहित्य और संस्कृति का एक सारग्राही मेल

नयी दिल्ली 28 अप्रैल (उहि ) । पेरिस बुक फेस्टिवल में भारतीय पैवेलियन में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की एक विस्तृत और विविध श्रृंखला देखने को मिली। भारत पेरिस बुक फेस्टिवल में गेस्ट ऑफ ऑनर देश था।

पहले दिन की शुरुआत शास्त्रीय संगीत गायिका सुश्री अपर्णा श्रीधर द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘प्रातः काल के राग – भारत का संगीत’ से हुई, जिसके बाद अनुवाद के माध्यम से बच्चों के साथ सांस्कृतिक संचार पर एक संवाद हुआ । प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष, एनबीटी की अध्यक्षता में पैनल में शामिल श्री युवराज मलिक, श्री सुधासत्व बसु, सुश्री गेले बेनचियो, श्रीमती सुधा मूर्ति, सुश्री वैलेरी गौडार्ट के साथ चर्चा एनबीटी-इंडिया द्वारा प्रकाशित बच्चों के लिए दस भारतीय पुस्तकों के इर्द-गिर्द रही जिनका फ्रांस की भाषा में अनुवाद किया गया था। सत्र का संचालन एनबीटी के वरिष्ठ संपादक श्री कुमार विक्रम ने किया।

दिन के दूसरे सत्र में पैनल में शामिल श्रीमती सुधा मूर्ति, श्री ई.एन. नंदकुमार, श्री चमू कृष्ण शास्त्री, श्री डैनियल नेगर्स ने भारतीय समाज द्वारा लेखकों को प्रदान किये जाने वाली बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक गतिशीलता पर चर्चा की। सत्र का संचालन श्री सुदीप नागरकर ने किया।

अगला सत्र महिला लेखकों और उनके रचनात्मक क्षेत्र पर केंद्रित था जिसमें सुश्री अलका सरावगी, सुश्री कुमुद शर्मा और सुश्री कैथलीन स्कारबोरो ने महिला लेखकों द्वारा किए जा रहे रचनात्मक कार्यों और उनसे जुड़े मुद्दों के बारे में बात की।

दो महाकाव्य, रामायण और महाभारत, भारतीय सभ्यता के दो स्तंभ हैं और उन्होंने हमेशा दर्शकों को मानव जीवन के बारे में एक नई अंतर्दृष्टि और समझ प्रदान की है। “समकालीन पाठकों/दर्शकों के लिए भारतीय महाकाव्यों की व्याख्या” सत्र में, श्री आनंद नीलकंठन, श्री विक्रम संपत और आचार्य बालकृष्ण ने इन महाकाव्यों के विभिन्न पात्रों और उनकी प्रासंगिकता पर चर्चा की। सत्र का संचालन श्री जितेंद्र कुमार सोनी ने किया।

“बाल साहित्य में उभरते रुझान” सत्र में, पैनलिस्ट सुधा मूर्ति, श्री देवेंद्र मेवाड़ी, श्री सुधासत्व बसु, सुश्री प्रियंका अग्रवाल मेहता और सुश्री वैलेरी गौडार्ट ने बाल साहित्य में लोकप्रिय और आगामी रुझानों के बारे में चर्चा की। सत्र का संचालन श्री विकास दवे ने किया।

महात्मा गांधी और रोमां रोलां: 21 वीं सदी का परिप्रेक्ष्य’ पर आयोजित एक सत्र में दो प्रतिष्ठित पैनलिस्ट श्री विजय सिंह और सुश्री क्रिस्टीन जोर्डिस जिन्होंने भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक और साहित्यिक सेतु बनाने में अपना जीवन बिताया है, ने महात्मा गांधी और रोलां के बीच आदान-प्रदान किये गये कुछ विचारों को लिया और वो समकालीन पाठक पर कैसे प्रभाव डालते हैं इस पर चर्चा की। चर्चा का संचालन एक प्रसिद्ध गांधी विद्वान और भारत और विदेशों में गांधी संग्रहालय के क्यूरेटर श्री बिराद याज्ञनिक के द्वारा किया गया।

अगला सत्र ब्रुसेल्स स्थित कला संरक्षक और प्रमोटर सुश्री नुपुर ट्रॉन द्वारा ‘यूरोप की कला और वास्तुकला पर भारतीय प्रभाव’ विषय पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति थी, जिसके बाद सुश्री तनिष्का काचरू, कला इतिहासकार और एनआईडी अहमदाबाद की वरिष्ठ फैकल्टी के साथ बातचीत हुई। चर्चा का संचालन श्री जोनक दास, वरिष्ठ संकाय, प्रदर्शनी डिजाइन, एनआईडी द्वारा किया गया।

दिन का अंतिम साहित्यिक सत्र भारतीय लेखक अलका सरावगी, श्री गौराहरी दास, श्री राजेश कुमार व्यास, श्री जितेंद्र कुमार सोनी और श्री विकास दवे द्वारा हिंदी, उड़िया, राजस्थानी, आदि में संक्षिप्त अंश / मूलपाठ का वाचन था। सत्र की समन्वयक सुश्री कैरोलिन पाओ थीं।

दिन का समापन दो सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ, जिसका नाम है, ‘आलौकिक से शाश्वत तक’- सुश्री ब्रिगिट चटिगिनर द्वारा मोहिनीअट्टम प्रदर्शन; और नाट्यशास्त्र के पन्नों से सुश्री मल्लिका थलक द्वारा भरतनाट्यम।

पेरिस बुक फेस्टिवल 2022 में इंडिया पवेलियन के लिए दूसरा दिन कर्नाटक संगीत की गायिका भावना प्रद्युम्न द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘प्रातः काल के राग – दिव्यता की यात्रा’ के साथ शुरू हुआ। इंडिया पवेलियन में पहला साहित्यिक कार्यक्रम कला और डिजाइन में कोविड महामारी के प्रतिबिंब पर चर्चा थी जिसमें श्री सुधासत्व बसु, श्री जोनक दास, श्री हनीफ कुरैशी और सुश्री मार्टीन ले कोज़ शामिल थे। सत्र में फ्रांसीसी भाषा में मार्टीन ले कोज़ द्वारा लिखित पुस्तक ले कएर बेतां दे राजस्थान – रहीस भारती एट धोद (राजस्थान की दिल की धड़कन – रहीस भारती- धोद) का विमोचन भी हुआ। प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष, एनबीटी, भारत ने पुस्तक का विमोचन किया। सत्र का संचालन सुश्री तनिष्का काचरू ने किया।

दिन के दूसरे सत्र में, पैनलिस्ट श्री देवेंद्र मेवाड़ी, सुश्री प्रियंका अग्रवाल मेहता, श्री बिराद याज्ञनिक ने जलवायु परिवर्तन और इसे समकालीन लेखकों ने अपनी पुस्तकों में कैसे दर्शाया है, इस पर चर्चा की। सत्र का संचालन श्री जितेंद्र कुमार सोनी ने किया।

अगला सत्र ‘सोशल मीडिया एज चेंज एजेंट’ पर केंद्रित था जिसके पैनल में शामिल श्री गौराहरी दास, श्री सिद्धार्थ शंकर गौतम, श्री बिनय कुमार सिंह और सुश्री भावना प्रद्युम्न ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सोशल मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। सत्र का संचालन सुश्री प्रियंका अग्रवाल मेहता ने किया।

भारत की स्वतंत्रता के 75 गौरवशाली वर्षों का जश्न मनाते हुए, अगले सत्र इंडिया@75 एंड विजन ऑफ न्यू इंडिया में एक आधुनिक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत की उपलब्धियों और नए भारत के दृष्टिकोण के बारे में बात की गई। सत्र की दिशा भारत के माननीय राजदूत श्री जावेद अशरफ द्वारा मुख्य संबोधन द्वारा निर्धारित किया गया था। उन्होंने कहा बहस की परंपरा, विचारों में विविधता और अनेकता, सोच और संबोधन भारतीय लोकाचार और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिये तय सिद्धांत रहे हैं। भारत स्थितियों के अनुसार बदलाव में सक्षम और पहले से मजबूत बना है। सत्र की अध्यक्षता एनबीटी के अध्यक्ष प्रो गोविंद प्रसाद शर्मा ने की।

इसके बाद आचार्य बालकृष्ण और श्री चमू कृष्ण शास्त्री के बीच चर्चा हुई जहां उन्होंने संस्कृत की समृद्धि, व्यावहारिकता और पहुंच और आधुनिक समय में इसकी भूमिका पर चर्चा की। इसके बाद पैनल में शामिल श्री राजेश व्यास, श्री सुदीप नागरकर, श्री ई.एन. नंदकुमार और श्री गौरहरी दास ने भारत की भाषा संबंधी परंपराओं पर चर्चा की।

एनईपी 2020 के संदर्भ में और विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के अवसर पर, शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण और पुस्तकों की भूमिका पर एक चर्चा आयोजित की गई जिसमें श्री युवराज मलिक, निदेशक एनबीटी, प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष एनबीटी ने छात्रों और युवा पाठकों को सच्चे वैश्विक नागरिकों के रूप में प्रशिक्षित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम की संभावनाओं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पुस्तकों की भूमिका के बारे में बात की। सुश्री श्रीरूपा मित्रा ने मुख्य संबोधन दिया।

‘बियॉन्ड गेस्ट कंट्री: इंस्टीट्यूशनलाइजिंग इंडिया-फ्रांस पब्लिशिंग टाईज़’ सत्र में एनबीटी के अध्यक्ष, प्रो गोविंद प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में पैनल में शामिल श्री युवराज मलिक निदेशक एनबीटी, श्री ई.एन. नंदकुमार, मिस्टर विंसेंट मोंटेगने और सुश्री एनी मोंटॉ ने गेस्ट ऑफ ऑनर कंट्री के रूप में पेरिस बुक फेस्टिवल 2022 में भारत की भागीदारी के बारे में चर्चा की।

सुधासत्व बसु द्वारा लिखित और तैयार की गई पुस्तक चंद्रनगर: ए बर्ग ऑफ द मून का विमोचन, इसके बाद पैनलिस्ट श्री युवराज मलिक, निदेशक एनबीटी, श्री सुधासत्व बसु, श्री आनंद नीलकंठन और सुश्री लॉरेंट गोल्डस्टीन के साथ भारत में फ्रांसीसी संस्कृति की विरासत पर चर्चा हुई। सत्र का संचालन श्री कुमार विक्रम ने किया।

दिन का समापन तीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ, जिसका नाम है, ‘द टेंपल फुटस्टेप्स’, सुश्री महिना खानम द्वारा एक ओडिसी नृत्य प्रदर्शन; सुश्री सबरीना अरुसम द्वारा एक कठपुतली शो ‘वंस अपॉन ए टाइम’; और एक भरतनाट्यम शास्त्रीय नृत्य संगीत कार्यक्रम।

तीसरे दिन की शुरुआत सुश्री शर्मिला शर्मा द्वारा कथक नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई। इसके बाद पैनलिस्ट श्री आनंद नीलकंठन, श्री किरण व्यास और श्री ओलिवियर पिरोन्यू के साथ श्री अरबिंदो और समकालीन समय में उनके दर्शन पर एक सत्र का आयोजन किया गया। सत्र का संचालन श्री विक्रम संपत ने किया।

अगले सत्र, साहित्यिक विविधता: भारत और फ्रांस परिप्रेक्ष्य, में चर्चा की गई कि कैसे दो संस्कृतियों के साहित्य समान दृष्टिकोण साझा करते हैं और सामाजिक विविधता को भी सराहते हैं। सत्र में श्री राजेश कुमार व्यास, श्री जितेंद्र कुमार सोनी, श्री सुदीप नागरकर और सुश्री गेल बेनचियो के साथ सुश्री कुमुद शर्मा मॉडरेटर के रूप में थीं।

इसके बाद विज्ञान और आयुर्वेद पर एक वार्ता थी जिसमें आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद जैसी पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों और आधुनिक वैज्ञानिक साक्ष्य-आधारित चिकित्सा के एकीकरण पर चर्चा की, जिसके बाद भारतीय ज्ञान प्रणाली: यह दुनिया को क्या प्रदान करता है पर एक पैनल चर्चा हुई, पैनल में प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष एनबीटी, आचार्य बालकृष्णन, श्री चमू शास्त्री और श्री युवराज मलिक निदेशक एनबीटी शामिल थे। आचार्य बालकृष्ण द्वारा लिखित एक पुस्तक ‘साइंस ऑफ आयुर्वेद’ का फ्रांसीसी संस्करण भी भारत पैवेलियन में नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत के अध्यक्ष, प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा द्वारा लॉन्च किया गया था। इस अवसर पर श्री युवराज मलिक, श्री चमू शास्त्री और श्री शैलेन्द्र (हिन्दी-फ्रांसीसी अनुवादक) भी उपस्थित थे।

‘संस्कृतियों के वाहक के रूप में नदियों’ पर चर्चा में, पैनलिस्ट आचार्य बालकृष्णन और श्री ओलिवियर जर्मेन थॉमस ने संस्कृति के एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि के रूप में गंगा की भूमिका पर चर्चा की।

श्री विक्रम संपत, श्री सिद्धार्थ शंकर गौतम और श्री डगलस ग्रेसीक्स के साथ इतिहास पर और इतिहास के बारे में लिखने के महत्व के इर्द-गिर्द एक सत्र ‘पास्ट इज आलवेज प्रजेंट’ का आयोजन किया गया, जिसका संचालन श्री बिनय कुमार सिंह ने किया।

दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सुश्री एंजेला सोफिया स्टरज़र द्वारा एक मणिपुरी नृत्य प्रदर्शन, सुश्री इसाबेल अन्ना द्वारा एक कथक नृत्य प्रदर्शन और तबला और गायन पर श्री अमृत हुसैन के साथ सूफी संगीत का प्रदर्शन शामिल था।

भारत के पैवेलियन जिसे एनबीटी-इंडिया के डिजाइन पार्टनर्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद (एनआईडी) द्वारा डिजाइन किया गया, 15 से अधिक डिजिटल और वास्तविक रूप में प्रदर्शनियों के साथ 65 भारतीय प्रकाशकों के कार्यों का प्रतिनिधित्व कर रहा है जिसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित 400 से अधिक पुस्तकें प्रदर्शन के लिये रखी गई हैं।

भारतीय पैवेलियन में आयोजित वास्तविक प्रदर्शनियों में भारत से पुस्तकों की सामूहिक प्रदर्शनी; फ्रांसीसी भाषा में अनुवादित भारत की बाल पुस्तकों की प्रदर्शनी; भारत@75 श्रृंखला के तहत पुस्तकों की प्रदर्शनी; भारत के राष्ट्रीय नायकों: एक प्रतिनिधित्व आधारित प्रदर्शनी; भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल लेखकों की पुस्तकों की प्रदर्शनी; भारत पर यूनेस्को के दस्तावेजों की प्रदर्शनी; भारत में फ्रांसीसी विरासत पर सुधासत्व बसु द्वारा लिखित और तैयार की गई ‘चंद्रनगर: ए बर्ग ऑफ द मून’ के विशेष संस्करण की प्रदर्शनी; अन्य विषयों पर डिजिटल प्रदर्शनी; गांधी और रोलां: पत्र और विचारों का आदान- प्रदान; भारत में पठन का विस्तार: एक प्रतिनिधि कालक्रम; हमारी धरती: भारत में बाल साहित्य में जैव विविधता, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन; युवा लेखकों के लिए पीएम-युवा मेंटरशिप योजना; राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020; भारतीय कला, संस्कृति, चित्रकला, साहित्य पर फ्रांस की किताबों के बारे में जानकारी आदि शामिल थे।

पेरिस बुक फेस्टिवल 2022 के दौरान भारतीय पवेलियन की स्थापना ग्रैंड पैलेस एफेमेख़, पेरिस, फ्रांस में गुरुवार, 21 अप्रैल से रविवार, 24 अप्रैल, 2022 तक सुबह 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक की गई।

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