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ओवर वर्क लोड से टीचर्स स्ट्रेस के शिकारः प्रो. शनि

ख़ास बातें

  • टाइम मैनेजमेंट के जरिए तनाव से मुक्ति संभवः वीसी
  • समय प्रबंधन के संग-संग लक्ष्य का भी करें निर्धारण
  • प्रश्नावली के जरिए मापी गईं तनाव की अवस्थाएं
  • रजिस्ट्रार और एसोसिएट डीन की भी रहीं मौजूदगी

संतोष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, गाजियाबद की डिपार्टमेंट ऑफ क्लीनिकल साइकोलॉजी की हेड प्रो. शनि श्रीवास्तव ने बढ़ते वर्कलोड पर चिंता जताते हुए कहा, वर्कलोड से टीचर्स स्ट्रेस के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में समय प्रबंधन के साथ-साथ लक्ष्य का निर्धारण भी करना चाहिए। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के आउटरीच एंड एक्सटेंशन एक्टिविटीज सेल की ओर से स्ट्रेस मैनेजमेंट पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर बोल रही थीं। व्याख्यान में उपस्थित यूनिवर्सिटी की फैकल्टी को उन्होंने आजकल की व्यस्ततम दिनचर्या में तनाव के कारणों और निदान पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम में वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन, आउटरीच एंड एक्सटेंशन एक्टिविटीज सेल के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ.अमित शर्मा की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। व्याख्यान के दौरान फैकल्टी को एक प्रश्नावली भी दी गई, जिसके जरिए तनाव की विभिन्न अवस्थाओं को मापा गया। प्रश्नावली में जैसे- जनरल, मॉडरेट और सीवियर अवस्थओं से जुड़े सवाल थे। उन्होंने कहा, यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य में असफल हो जाता है तो उसे हार मानने के बजाए पुनः एकाग्र मन से प्रयास करना चाहिए। इससे सफल होने की संभवनाएं बढ़ जाती हैं।

वीसी प्रो. रघुवीर सिंह बोले, तनाव एक ऐसा शब्द है जिसकी चर्चा आजकल चौतरफा होती है, क्योंकि हर व्यक्ति के जीवन से इसका सरोकार है। एक उम्दा टाइम मैनेजमेंट के जरिए तनाव से मुक्ति संभव है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा, तनाव मुक्ति को योग और व्यायाम को भी अपनाएं। पॉजिटिव सोच का भी तनाव मुक्ति में अहम रोल है। व्याख्यान के दौरान पैरामेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग समेत विभिन्न कॉलेजों की फैकल्टीज मौजूद रही।

 

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