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चाउ वंश के व्यक्तियों को चाय विशेषग्य के रूप में उत्तराखंड में तैनातकिये गए थे

ब्रिटिश सरकार द्वारा चीनऔर तिब्बत के उपर अपनी नजर और पकड़ बनाने के उद्देशी से , उत्तर पूर्व से लेकर उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में तीन के चाउ वंश के व्यक्तियों को चाय विशेषग्य के रूप में उत्तराखंड में तैनात कर कूटनीति का परिचय दिया I
1848 इस्वी में चाउ वंश के वांग असी चिमिया जो आगे चलकर चौफीन कहलाये। इनकी चीनी और तिब्बती भाषा पर अच्छी पकड़ थी। ब्रिटिश अधिकारी इनका प्रयोग गुप्तचरी के लिए भी किया करते थे।

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