गढ़वाल विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह : राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने सदैव शिक्षा को महत्व दिया

Spread the love

 The President said that Uttarakhand is a highly environmentally sensitive state. She added that for sustainable development and optimal use of resources – research and new innovations are needed. She further said that achieving economic development and creating employment opportunities by keeping in mind local needs and constraints is both a challenge and an opportunity. She stated that being the only Central University of this state, the responsibility of Hemwati Nandan Bahuguna University is even higher. She emphasized that all stakeholders of this university should make efforts to use knowledge for the welfare of people.

By- Usha Rawat

श्रीनगर गढ़वाल, 8  नवंबर।  राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (8 नवंबर, 2023) श्रीनगर (गढ़वाल) में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में  राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना में जन आंदोलन ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि 1970 के दशक में शिक्षा के लिए चलाया गया आंदोलन इस क्षेत्र में विकसित जन चेतना का प्रतीक है.

राष्ट्रपति महोदया को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि 1973 में अपनी स्थापना के बाद से, हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय ने समय के साथ खुद को ढाल लिया है। उन्होंने कहा कि आज जब हम महिला नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहे हैं तो 11वें दीक्षांत समारोह का विषय ‘सशक्त महिला, समृद्ध राष्ट्र’ इस विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने सदैव शिक्षा को महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति लोगों का लगाव राज्य की साक्षरता दर में भी दिखता है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने हिंदी साहित्य को सुमित्रानंदन पंत से लेकर मनोहर श्याम जोशी, शिवानी, हिमांशु जोशी और मंगलेश डबराल तक कई महान प्रतिभाएं दी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील राज्य है। उन्होंने कहा कि सतत विकास और संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए अनुसंधान और नए नवाचारों की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय जरूरतों और बाधाओं को ध्यान में रखते हुए आर्थिक विकास हासिल करना और रोजगार के अवसर सृजित करना एक चुनौती और अवसर दोनों है। उन्होंने कहा कि इस राज्य का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी और भी अधिक हो जाती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों को ज्ञान का उपयोग लोगों का कल्याण करने के प्रयास में करना चाहिए।

राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय इस वर्ष 1 दिसंबर को अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्वर्णिम यात्रा गर्व करने का अवसर है, लेकिन यह सभी हितधारकों के लिए भविष्य की योजनाएं बनाने और उन्हें सफल बनाने का संकल्प लेने का भी अवसर है।

राष्ट्रपति महोदय ने स्नातक छात्रों को अपनी जड़ों को न भूलने की सलाह दी और कहा कि वे सत्य, ईमानदारी और निष्पक्षता जैसे अपने नैतिक मूल्यों से कभी समझौता न करें और उन लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश करें जो विकास की इस यात्रा में पीछे रह गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!