Front Page

उत्तराखण्ड में रक्तदान अमृत महोत्सव का पंजीकरण 17 सितम्बर से शुरू होगा

–उत्तराखण्ड हिमालय ब्यूरो —

देहरादून, 13 सितम्बर । उत्तराखण्ड में मरीजों को जरूर पड़ने पर आसानी ब्ल्ड मिल सके, इसके लिये आगामी 17 सितम्बर से 01 अक्टूबर तक प्रदेशभर में ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान स्वैच्छिक रक्तदान के लिये आम लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जायेगा। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को जनपद स्तर पर बैठक कर कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

स्वास्थ्य मंत्री  धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित सभागार में स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। जिसमें सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्साधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।  रावत ने आगामी 17 सितम्बर से प्रदेशभर में चलाये जा रहे ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान के लिये अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित कर उनका ई-रक्त कोष पोर्टल एवं आरोग्य सेतु ऐप पर ऑनलाइन पंजीकरण कराया जाय। इसके अलावा सूबे के 52 ब्ल्ड बैंकों के भण्डारण क्षमता के अनुसार रक्तदान भी कराया जाय। ताकि जरूरत पड़ने पर सभी मरीजों को आसानी से ब्ल्ड उपलब्ध कराया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस दौरान रक्तदान हेतु पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति तथा ब्ल्ड डोनर को प्रमाण पत्र अवश्य दिया जाय।

विभागीय मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 15 सितम्बर से 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी अधिकृत संस्थाओं के द्वारा शिविर आयोजित कर लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे। इसमें विभागीय अधिकारियों, आशा कार्यकत्रियां, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों व स्वयं सेवी संस्थाओं को बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करना होगा तभी सूबे में अधिक से अधिक लोगों का इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश में लगभग 50 लाख आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं, जिसके चलते उत्तराखंड पूरे देश में इस योजना का लाभ लेने वाले टॉप पांच राज्यों में शामिल है। बैठक में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी मरीजों के चिन्हिकरण एवं उनके उपचार हेतु रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश जनपद स्तरीय अधिकारियों को दिये गये। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत नि-क्षय मित्र बनाये जाने हैं जोकि टीबी रोगियों को एक से तीन साल तक के लिये गोद लेकर समय-समय पर उनकी देखभाल के साथ ही उनके पौष्टिक आहार का खर्च भी वहन करेंगे। इस कार्य को सहकारी संस्थाएं, कार्पोरेट घराने, जनप्रतिनिधि, एनजीओ, संस्थान, राजनीतिक दल तथा व्यक्तिगत रूप से नि-क्षय मित्र के तौर पर भी किया जा सकता है। इसके लिये संबंधित संस्थाओं एवं व्यक्ति विशेष को भारत सरकार के निःक्षय मित्र पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।

बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ0 आर0 राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 शैलजा भट्ट, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, डॉ0 विनीता शाह, डा0 मीतू शाह, डा0 भागीरथी जंगपांगी, डॉ0 आर0पी0 खंडूडी, डा0 एस0के0 झा, डॉ0 कुलदीप मर्तोलिया, डॉ0 पंकज सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!