पेट्रोल और डीजल में इथेनॉल मिलाने का रोडमैप हुआ तैयार
नयी दिल्ली, 5 दिसंबर । सरकार ने 2014 से इथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं जिनमें इथेनॉल के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विस्तार; इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल की खरीद के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र; ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल पर जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाना; सम्मिश्रण के लिए राज्यों में इथेनॉल की मुक्त आवाजाही के लिए उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन; देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और बढ़ाने के लिए ब्याज सहायता योजना; इथेनॉल की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) को नियमित रूप से जारी करना शामिल है।
यह जानकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
4 जून, 2018 को अधिसूचित राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 में 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण और डीजल में 5प्रतिशत बायोडीजल मिश्रण का सांकेतिक लक्ष्य रखा गया था। इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के तहत पिछले 7 वर्षों के प्रदर्शन से प्रोत्साहित होकर, सरकार ने आगे बढ़ने का फैसला करते हुए, 2030 की जगह इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य लिया। अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा तैयार भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण 2020-25 के लिए रोडमैप में एक इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2025-26 में 20 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 1016 करोड़ लीटर की इथेनॉल आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है।
1364 करोड़ लीटर की वर्तमान इथेनॉल उत्पादन क्षमता उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे इथेनॉल अधिशेष राज्यों सहित देश के अधिकांश राज्यों में फैली हुई है। यह क्षमता सम्मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त है।
उपरोक्त रोडमैप के अनुरूप, तेल विपणन कंपनियों ने इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 के दौरान 10 प्रतिशत और इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 के दौरान 12 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया है।