दून विश्वविद्यालय में जुट रहा है वैज्ञानिकों का मेला, सीएम धामी करेंगे उदघाटन

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देहरादून,1 जून (उहि)। सशक्त महिला सशक्त राष्ट्र के केंद्र सरकार के संकल्प के साथ दून विश्वविद्यालय में देश के जाने माने वैज्ञानिक दो दिन तक विज्ञान विषयों में शोध कर रही उत्तराखंड की महिला वैज्ञानकों व शोधार्थियों को व्यावसायिक उन्नयन में विज्ञान के योगदान पर दीक्षित- प्रशिक्षित करेंगे। दून में पहली बार वैज्ञानिकों का इतना बड़ा संगमन हो रहा है और वह भी इस साल को नारी सशक्तीकरण वर्ष के रूप में मना रहे विश्वविद्यालय में।
इस आयोजन की जानकारी देते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपित प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि केंद्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय ने इस आयोजन के लिए उत्तराखंड की एक स्टेट यूनिवर्सटी को चुना है। दो और तीन जून को होने वाले इस आयोजन के लिए हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत उत्तराखंड के तमाम विश्वविद्यालयों में विज्ञान, तकनीकी, अभियंत्रण और गणित {STEM} में शोधरत महिला वैज्ञानिकों ने पंजीकरण किया है। उन्हें दीक्षित करने वाले देश के 50 से अधिक नामचीन्ह वैज्ञानिकों में कुछ भटनागर अवार्ड से सम्मानित हैं तो कई डीन या विभिन्न विभागों के प्रमुख हैं। इसके अलावा विज्ञान से जुड़े प्रदेश के 50 से अधिक प्रतिष्ठानो के प्रमुख भी इस आयोजन में शिरकत कर रहे हैं। सहभागिता और प्रश्नोत्तरी के साथ होने वाले आठ तकनीकी सत्रों में अपना उद्बोधन देने के अलावा वे महिला शोधार्थियों ने अलग अलग भी विमर्श करेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे।

नित्यानंद सेंटर में लोग आएंगे हिमालय का मर्म जानने –
यह वैज्ञानिक संगमन हाल ही में बन कर तैयार हुए डा. नित्यानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र में हो रहा है। इसका भी इसी आयोजन के साथ उद्घाटन हो रहा है। प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि 22 करोड़ के इस बहुउद्देशीय भवन में हिमालय ऋषि स्वर्गीय नित्यानंद के सपनों के अनुरूप काम होंगे। भविष्य में यहां एक हिमालय संग्रहालय होगा जहां लोग हिमालय का मर्म समझने आय़ेंगे। एमए भूगोल और एमएससी जियोलोजी की कक्षाएं, एमए थियेटर और विश्वविद्यालय को मिली अंबेटकर पीठ यहीं से संचालित होंगी। हिमालय की संस्कृति और सरोकार इस भवन में होने वाले अध्ययन व शोध के केंद्र में होंगे।

नंदा कथा सांस्कृतिक संध्या-
प्रोफेसर डंगवाल ने बताया कि बाहर से आए वैज्ञानिकों को उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखाने के लिए डा. राकेश भट्ट के निर्देशन में नंदा राज जात पर आधारित नृत्य नाटिका नंदा कथा के नाम से दो जून की शाम एक सांस्कृतिक संध्या भी आयोजन का खास आकर्षण होगी। यह आयोजन भी नारी शक्ति की महिमा को समर्पित है।

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