चुनावों में 1000 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स, मुफ्त उपहार जब्त
The surge in seizures involves an extensive monitoring process, which starts months before the announcement of elections. It included an array of activities like sensitizing and reviewing enforcement agencies for more coordinated and comprehensive monitoring, marking of expenditure-sensitive constituencies, ensuring adequate field teams, training on expenditure monitoring systems and appointment of experienced officers as Expenditure Observers. Information Technology is also heavily used through inhouse software ESMS (Election Seizure Management System) for real-time monitoring and sharing of information amongst multiple agencies for wider deterrence.
*महाराष्ट्र और झारखंड में 2019 की तुलना में सात गुना अधिक जब्ती हुई
*अधिकारी अगले दो दिनों में प्रलोभनों पर कड़ी निगरानी रखेंगे: सीईसी
नई दिल्ली, 19 नवंबर। चुनाव आयोग के अधीन प्रवर्तन एजेंसियों ने महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा चुनावों और उपचुनावों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, शराब, ड्रग्स, मुफ्त उपहार और अन्य सामान जब्त किए हैं।
महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों में कुल मिलाकर 858 करोड़ रुपये की जब्त किए गए जो 2019 में विधानसभा चुनावों के दौरान की गई जब्ती से 7 गुना अधिक है। 2019 के विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र में 103.61 करोड़ रुपये जबकि झारखंड में 18.76 करोड़ रुपये जब्त किए गए।
राज्य | नकद (करोड़ रु.) | शराब (करोड़ रुपये) | औषधियाँ (करोड़ रुपये) | कीमती धातु
(करोड़ रुपये) |
मुफ़्त चीज़ें (करोड़ रुपये) | कुल (करोड़ रुपये) |
महाराष्ट्र | 153.48 | 71.13 | 72.14 | 282.49 | 80.94 | 660.18 |
झारखंड | 14.84 | 7.84 | 14.84 | 8.38 | 152.22 | 198.12 |
बी पॉल्स- 14 राज्य | 13.65 | 40.86 | 36.59 | 11.21 | 121.60 | 223.91 |
कुल | 181.97 | 119.83 | 123.57 | 302.08 | 354.76 | 1082.2 |
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों, केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बातचीत और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकों के दौरान लगातार चुनावों में धनबल की भूमिका पर अंकुश लगाने की बात कही थी जिसके कारण जब्त किए नगदी, ड्रग्स अन्य सामान की मात्रा में वृद्धि हुई है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सीईओ, डीईओ, एसपी और पर्यवेक्षकों सहित सभी अधिकारियों को अगले दो दिनों तक कड़ी निगरानी जारी रखने और मतदान संपन्न होने तक किसी भी तरह के प्रलोभन के वितरण पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र में सभी जिलों में सभी समूहों में जब्ती दर्ज की गई, जो पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में बहुत अधिक है। कुछ उल्लेखनीय कार्रवाइयों में पालघर जिले के वाडा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक संदिग्ध जीप से 3.70 करोड़ रुपये की नकदी जब्त करना शामिल है। एक अन्य घटना में, बुलढाणा जिले के जामोद एसी में 4.51 करोड़ रुपये मूल्य के 4500 किलोग्राम गांजा के पौधे जब्त किए गए। रायगढ़ में 5.20 करोड़ रुपये मूल्य की चांदी की छड़ें जब्त की गईं।
रत्नागिरी के तटीय क्षेत्र में 1.02 करोड़ रुपये की शराब की खेप जब्त
झारखंड में भी रिकॉर्ड जब्ती देखी गई और इस बार प्रमुख रुप से ध्यान अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने पर भी था जिसके कारण अवैध खनन सामग्री और मशीनों को जब्त किया गया। साहिबगंज जिले के राजमहल एसी में एक घटना में 2.26 करोड़ रुपये की अवैध खनन सामग्री जब्त की गई और ऐसी कई कार्रवाइयों में अवैध खनन गतिविधियों से संबंधित जब्ती शामिल थी। पड़ोसी राज्य से ड्रग्स की आवाजाही पर सख्त निगरानी रखने पर भी ध्यान केंद्रित था। डाल्टनगंज में 687 किलोग्राम पोस्ता भूसा जब्त किया गया जबकि हजारीबाग में 48.18 किलोग्राम मारिजुआना जब्त किया गया।
साहिबगंज जिले में अवैध खनन उपकरण जब्त
खूंटी जिले से बोरियों में भरा 824 किलोग्राम अफीम का डोडा जब्त
उपचुनावों में भी कड़ी निगरानी के कारण बड़ी मात्रा में शराब जब्त की गई है। राजस्थान में नागौर में एक पड़ोसी राज्य से दूसरे राज्य में ले जाए जा रहे शराब के 449 कार्टन जब्त किए गए। कार्टन आलू के कई डिब्बों के पीछे छिपाए गए थे।
पड़ोसी राज्य से आ रही शराब और ड्रग्स को राजस्थान के नागौर में रोका गया और जब्त किया गया
जब्ती में वृद्धि के पीछे व्यापक निगरानी प्रक्रिया शामिल है जो चुनाव की घोषणा से महीनों पहले शुरू हो जाती है। इसमें अधिक समन्वित और व्यापक निगरानी के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाना और उनकी समीक्षा करना, व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों को चिह्नित करना, पर्याप्त फील्ड टीमें सुनिश्चित करना, व्यय निगरानी प्रणालियों पर प्रशिक्षण और अनुभवी अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त करना जैसी कई गतिविधियाँ शामिल थीं। व्यापक रोकथाम के लिए वास्तविक समय की निगरानी और कई एजेंसियों के बीच सूचनाओं को साझा करने के लिए इनहाउस सॉफ्टवेयर ईएसएमएस (चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
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