राजनीति

मात्र दो दिन विधानसभा सत्र चलाना उत्तराखण्ड की जनता के साथ धोखा- करन माहरा

–उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो –

देहरादून, 1 दिसंबर। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने विधानसभा सत्र को मात्र दो दिन चलाये जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि धामी सरकार ने पॉच दिन चलने वाले सत्र को मात्र दो दिन चलाकर इति श्री कर दी। माहरा ने कहा कि जो सत्र गैससैंण में होना चाहिए था जनभावनाओं के विरूद्व जाकर धामी सरकार ने अपनी हनक के चलते उसे जबरन देहरादून में आहूत करवाया।

उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों द्वारा 619 प्रश्न लगाए गए थे क्या संभव है दो दिन के सत्र में इतने प्रश्नों के जबाव दिये जा सके? उन्होेंने कहा कि विधानसभा सत्र बडे लम्बे अन्तराल के बाद आता है उसमें भी राज्य को इतने संवेदनहीन मुख्यमंत्री मिले हैं कि सत्र के दौरान विधानसभा में उपस्थित होने के बजाय दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार के लिए चले जाते हैं। श्री करन माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र को छोड़कर दिल्ली चले गये और सत्र के दौरान जवाब देने के लिए प्रतिनिधि के रूप में पहले से ही विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में विवादित रहे मंत्री को जिम्मेदारी दे दी जो खुद सवालों के घेरे में है।


करन माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष का आज का बयान दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सत्र चलाना बेईमानी नही सत्र ना चलाना जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सदन गतिमान था और देहरादून के कार्गी चौक पर बदमाशों ने नवीं में पढ़ने वाली छात्रा पर खुलेआम फायरिंग झौंक दी। उन्होंने कहा पिछले आठ महिनों में राज्यभर मेें 269 महिलाओं के अपहरण, 139 हत्याएं, 554 दुष्कर्म के मामले सामने आये हैं। जो कि औसतन दो दुष्कर्म प्रतिदिन होना देवभूमि के लिए शर्मनाक है।
श्री माहरा ने कहा कि खुद सरकार के मंत्री और उनके परिजन ही सुरक्षित नही हैं। स्वयं मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मुझे धमकियां मिल रही है। उन्होंने कहा कि रेसकोर्स जहां पुलिस लाईन है समस्त पुलिस बल तैनात है वहां बुर्जुग के घर पर लूटपाट और लाखों की चोरी हो जाती है। क्या यही राज्य की मित्र पुलिस का डर, भय और रसूख है? उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल के भाई के घर पर हुई डकैती पर तो सरकार ने तत्परता दिखाई पर कांग्रेस विधायक आदेश चौहान को मिली धमकी प्रकरण पर ना तो सरकार और ना ही शासन ने कोई ठोस कार्रवाही की। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी विधायकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है जो स्वच्छ लोकतंत्र के अच्छा नही है। माहरा ने कहा कि इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि उत्तराखण्ड में विधानसभा सत्र एक बित्तीय वर्ष अपने न्यूनतम मानकों का भी पालन नही कर पा रहा है।
श्री माहरा ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में 161 लोग गुलदार/वन्य जीवों के शिकार बने, 641 लोग घायल हुए पर सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाये हैं। उन्होंने प्रेम चन्द्र अग्रवाल के उस बयान की भी कटु आलोचना की जिसमें अग्रवाल द्वारा यह कहा गया है कि अंकिता प्रकरण में कोई भी वीआईपी था ही नही जो कि हतप्रभ करने वाला है।
करन माहरा ने कहा कि धामी सरकार रणछोड़ दास है।
माहरा ने कहा कि प्रदेश अंकिता हत्याकांड के अनुत्तरित सवालों के जवाब चाहता है ,केदार भंडारी लापता है या नहीं इस पर जवाब चाहता है, यूके ट्रिपल एससी को लेकर सरकार का आगे का रोडमैप क्या है यह जानना चाहता है विधानसभा बैक डोर नियुक्तियों में एक तरफा कार्यवाही क्यों की जा रही है यह जानना चाहता है, अंकिता हत्याकांड में डोजर क्यों चलाया किसने चलाया चलाया वीआईपी कौन है चार्जशीट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं हो पा रही है ,अनामिका को न्याय कब मिलेगा बेरोजगारों के द्वारा जो लगातार आत्म हत्या हो रही है उसके लिए राज्य सरकार क्या कर रही है ?उधम सिंह नगर में ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की हत्या हो जाती है। सिंचाई विभाग के 228 पदों पर चयनित छात्रों की नियुक्ति नहीं की जाती माहरा ने कहा कि प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार के बावजूद विपक्ष के सवालों से धामी सरकार कितना घबराई हुई है कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में भी सोमवार को कभी सत्र आहूत नहीं किया गया और वैसा ही कुछ इस वर्ष भी देखने को मिल रहा है क्योंकि सोमवार मुख्यमंत्री के अधीन जितने विभाग हैं उन पर प्रश्न लगे होते हैं जो कि सर्वाधिक विभागों के मंत्री हैं परंतु इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक प्रचंड बहुमत की सरकार के मुखिया होने के बावजूद भी इतना आत्मविश्वास खुद के अंदर नहीं पाते हैं कि वह सवालों का सामना कर पाए। करन माहरा ने मंत्री रेखा आर्या पर भी हमला बोलो कि हमारे प्रदेश की गरीब महिलाओं से टेक होम राशन किसी कम्पनी के साथ सांठ-गांठ के चलते किया गया है। क्या यही है भाजपा का महिला सशक्तिकरण?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!