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गढ़वाल का एक जागृत व्यक्तित्व , सुरेंद्र सिंह बर्त्वाल

–डा0 योगेश धस्माना

गढ़वाल जिला बोर्ड के प्रथम सचिव सुरेंद्र सिंह बर्त्वाल 1923 से 1952 तक इस पद पर रहने वाले इकलौते व्यक्ति थे । 1890 में मालकोटी रुद्रप्रयाग में जन्म लेने के बाद 1920 में पौड़ी आकार रहने लगे थे ।

जिला बोर्ड के सचिव रहते हुए उन्होंने शिक्षा , स्वास्थ्य , संपर्कमार्ग और पुलों के निर्माण के साथ पौड़ी, चमोली में शिक्षा की अलख जगाई थी । एक संस्कृतिकर्मी होने के नाते भी उन्होंने 1923 से 1955 तक पौड़ी की रामलीला को सजाने संवारने का काम किया।

महिला शिक्षा के लिए उन्होंने स्वयं अपने परिवार से अपनी पुत्रियों को उच्च शिक्षा दिलाकर देश के अनेक संभ्रांत परिवारों से रिश्ता कायम किया था । सुरेंद्र सिंह जी द्वारा गढ़वाल के दुरस्त छेत्रों में भ्रमण करते हुए घसियारी महिलाओं के लिए निशुल्क जूते, चप्पल उपलब्ध कराते थे । उनके बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था के साथ ही उनके जीवन स्तर को उठाने के भी प्रयास किए गए।

उनके पुत्र वीरेंद्र बर्त्वाल नवभारत टाइम्स के दिल्ली और बॉम्बे में समाचार संपादक के रूप में काम करने वाले प्रथम गढ़वाली थे। उनके पौत्र हेमद्र बर्त्वाल हिंदुस्तान टाइम्स के अनेक वर्षों तक हरियाणा के ब्यूरो प्रमुख और संसदीय कार्यों की रिपोर्टिंग करने वाले संवाददाता रहे हैं । 1937 में पौड़ी में बनाया गया उनका घर, पौड़ी , चमोली की जनता और संस्कृतिकर्मियों के लिए प्रमुख आश्रय था । उनका और उनके आवास का फोटो पाठकों के लिए साझा कर रहा हूं ।

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