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गौचर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के लिए एक बार पुनः सर्वेक्षण का कार्य शुरू

–गौचर से दिगपाल गुसाईं —

जनपद चमोली की गौचर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के लिए एक बार पुनः सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है। हालांकि इस बार पट्टी के दोनों छोरों के कुछ हिस्सों को ही सर्वेक्षण में सामिल किया गया है।
सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माने जाने वाली जनपद चमोली की गौचर हवाई पट्टी के लिए जब 1990 में जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू किया तो शासन प्रशासन को क्षेत्रीय जनता का भारी विरोध झेलना पड़ा था। इस विरोध को देखते हुए प्रशासन ने पनाई सेरे के नक्शे पर पर फीटा रखकर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को ही अंतिम रूप दे दिया था। नतीजतन हवाई पट्टी का मुहाना सारी के नजदीक एक पहाड़ी के ठीक सामने आ जाने से हवाई जहाज को उतारने में पायलटों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि हवाई पट्टी की लंबाई बढ़ाने व अवरोधक बनी पहाड़ी को काटने की सूचनाएं यदा कदा तैरती रहती हैं लेकिन इसके लिए कोई भी साफ तौर पर कहने को तैयार नहीं है। लेकिन बुधवार को राजस्व व लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने जो सर्वेक्षण किया उसके अनुसार हवाई पट्टी के गौचर मुख्य बाजार की ओर दोनों तरफ 65 मीटर लंबाई तथा 5 मीटर चौड़ाई, इसी प्रकार बंदरखंड गांव की ओर 75 मीटर लंबाई तथा 5 मीटर चौड़ाई के हिसाब से अधिग्रहण की कार्यवाही को अमल में लिया गया है। इस सर्वे के अनुसार क्षेत्र के सात गांवों की आराध्य देवी कालिंका के मंदिर को अधिग्रहित किया गया है। इस सर्वेक्षण के जद में कई कास्तकारों की जमीन तथा कई मकान आ गई है। बुधवार को जिस प्रकार से हवाई पट्टी के दोनों छोरों पर जमीन व मकानों को सर्वेक्षण अंतर्गत लिया गया है। इससे प्रतीत होता है कि फिलहाल हवाई पट्टी को सीधा करने की कार्यवाही को अमल में लिया जा रहा है ताकि यात्री जहाज को आसानी से उतारा जा सके।

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