विभिन्न मांगो को लेकर पोखरी के शिक्षकों ने बाहों में काली पट्टी बांध कर जताया विरोध
-पोखरी से राजेश्वरी राणा –
प्रातीय नेतृत्व के आह्वान पर राजकीय शिक्षक संगठन पोखरी इकाई के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली, प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति, हेडमास्टर के पदों पर पदोन्नति, अध्यापकों की एल टी सवर्ग से प्रवकता सवर्ग में पदोन्नति, वेतन वृद्धि सहित वेतन विसंगतियों को निस्तारित करने सहित विभिन्न मांगो को लेकर अपने अपने विद्यालयों और कॉलेजो में पठन पाठन ब्यवस्था सुचारू रखते हुए बाहों में काली पट्टी बांध कर सरकार के खिलाफ विरोध जताया ।
राजकीय शिक्षक संगठन के ब्लांक अध्यक्ष ब्रह्मानंद किमोठी का कहना है कि शिक्षक लम्बे समय से अपनी इन मांगों को लेकर सघर्षरत है । सरकार और विभागीय उच्चाधिकारियों को लिखित रूप से अवगत करा चुके हैं । लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है । बड़ी संख्या में कालेजो और विद्यालयों में प्रधानाचार्यो और हेड मास्टरों के पद रिक्त पड़े हुए हैं । इन्हें शत प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाय, अध्यापकों की एल टी सवर्ग से प्रवकता सवर्ग में तीन वर्ष से रुकी पदोन्नति प्रक्रिया को पूरा किया जाय ।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों के वेतन वृद्धि और वेतन विसंगतियों के मामले को शीघ्र निस्तारित किया जाय । किमोठी ने कहा कि जब विधायकों और सांसदों को पेंशन मिल सकती है तो कर्मचारियों को क्यों नहीं पुरानी पेंशन बहाल की जाय जो कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा होती है । शिक्षकों का यात्रा अवकाश बहाल किया जाय ।
शिक्षक संगठन के नेताओं की मांग है कि दुर्गम के शिक्षकों के स्थानान्तरण पर मन इच्छित विधालय या कालेज नहीं मिलने पर दुर्गम में ही रहने का विकल्प स्वीकार किया जाय ब्रह्मानंद किमोठी ने कहा कि अध्यापक टकराव नहीं चाहता है । लेकिन ये आन्दोलन की शुरुआत है । अगर सरकार ने तत्काल शिक्षकों की ये मांगे पूरी नहीं की तो राजकीय शिक्षक संगठन भविष्य में बृहद जन आंदोलन छेड़ने को विवश होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।