मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री शाह को बताया कि, उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग फ्री बनाने का लक्ष्य
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देहरादून, 17 जुलाई। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में आयोजित ‘ड्रग तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में वर्चुअल रूप से Narcotics Control Bureau (NCB) द्वारा सभी राज्यों के Anti-Narcotics Task Force (ANTF) के साथ समन्वय से देश के विभिन्न हिस्सों में 2,381 करोड़ रूपए मूल्य के 1 लाख 40 हज़ार किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थो को नष्ट किया गया, जो एक दिन में सर्वाधिक ड्रग नष्ट करने का रिकॉर्ड है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2006 से 2013 के बीच कुल 1250 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2014 से 2023 के 9 सालों में 3,700 मामले दर्ज हुए हैं, जो 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पहले कुल 1,360 गिरफ्तारी हुई थी, जो अब 5,650 हो गई हैं, जो 300 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। ज़ब्त ड्रग की मात्रा पहले 1.52 लाख किलोग्राम थी, जो अब 160 प्रतिशत बढ़कर 3.94 लाख किलोग्राम हो गई है। उन्होंने कहा कि 2006 से 2013 के बीच 5,900 करोड़ रूपए के ड्रग को विनिष्ट किया गया था, 2014 से 2023 के बीच 18,100 करोड़ रुपए के ड्रग को पकड़कर विनिष्ट किया गया है, यह हमारे अभियान की सफलता को दर्शाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग फ्री बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अति महत्वपूर्ण विषय पर बैठक के आयोजन में कहा कि भारत सरकार, पूरी सख्ती के साथ ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ कार्य कर रही है और इसके सार्थक परिणाम भी लगातार देखने को मिल रहे हैं। राज्य सरकार उत्तराखंड में भी ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने व इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए कारगर प्रयास कर रही है। उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग फ्री बनाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए हर स्तर पर कार्य योजना के साथ किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जहां एक ओर लोगों और विशेषकर युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा रही है वहीं दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी करवाई भी की जा रही है। इस वर्ष अभी तक एन.डी. पी.एस एक्ट के तहत 586 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिनमें 742 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। मादक पदार्थों की रोकथाम एवं इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हेतु उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड में मानिसक स्वास्थ्य नियमावली को राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है। नशे की प्रवृति को रोकने एवं नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा पुनर्वास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड की जेलों में कैदियों को नशे से मुक्त कराने के लिए विशेष रूप से काउंसलिंग एवं सेमिनार भी आयोजित कराये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिटक्ट्स संचालित हैं। एम्स नई दिल्ली की सहायता से राज्य में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी का भी संचालन किया जा रहा है और वर्तमान में एम्स ऋषिकेश में 10 बेड क्रियाशील है। केंद्र सरकार द्वारा उत्तरकाशी, चम्पावत, अल्मोडा एवं श्रीनगर में भी ए.टी.एफ के संचालन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को दिए जा रहे इस सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जनपद में संचालित शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग क्लब कमेटी का गठन किया गया है जिसमें सदस्य के रूप में संस्थान के ही जागरूक छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, प्रधानाचार्य को सम्मिलित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे के अवसर पर 01 लाख 25 हजार युवाओं को ’एंटी ड्रग ई-शपथ’ दिलाई गई। कक्षा 06 से लेकर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में ड्रग्स के विषय को सम्मिलित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा एनसीईआरटी को प्रस्ताव भेजा गया है। नशे की रोकथाम एवं इसके सम्बन्ध में जानकारी तथा जन सामान्य को किसी भी प्रकार की सहायता हेतु हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं और इन्हें प्रसारित भी किया जा रहा है।