किन्नरों के लिये खुला मुक्ति का मार्ग- अब वे सचमुच सशरीर महिला बन सकेंगे !
-जयसिंह रावत
ट्रांसजेडर या किन्नर जिन्हें समाज उलाहना में हिंजड़ा कह कर पुकारता है, को अब अपने शरीर और मन के विरोधाभास के कारण उपेक्षित, तिरस्कृत और कलंकित जीवन से मुक्ति मिल जायेगी। मुक्ति इसलिये कि वे अब मनमाफिक शारीरिक संरचना को धारण कर स्त्री से पुरुष और पुरुष से महिला बन कर सदा सदा के लिये आत्मग्लानि, कुण्ठा और तिरस्कार से मुक्त हो जायेंगे। हिंजड़ों के लिये यह मुक्ति और सम्मान का मार्ग स्वयं भारत सरकार ने नयी योजना शुरू कर खोला है। इस योजना के तहत एक ट्रांसजेंडर को अपना लिंग परिवर्तन करने के लिये 5 लाख तक की चिकित्सकीय सहायता मिल सकती है और इतने व्यय से एक किन्नर आसानी से मर्द से पूरी औरत बन कर किसी पुरुष के साथ सामान्य गृहस्थी बसा सकता है। अब तक नाच गा कर पेट पालने वाला गरीब किन्नर सेक्स चेंज की महंगी सर्जरी नहीं करा पाता था। लेकिन अब वह सरकारी खर्चे पर पुरूष से महिला और महिला से पुरुष का जैसा शरीर धारण कर सकेगा। लेकिन फिर भी परिवर्तित लोग न तो पिता और ना ही माता बन पायेंगे

सरकार ने खोला किन्नरों का मुक्ति मार्ग
हाल ही में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के तहत एनएचए व सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बीच किए गए नए समझौते के अधीन समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। इसके तहत आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एक समावेशी व समग्र स्वास्थ्य पैकेज प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) व सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। देश में अपनी तरह का यह पहला समझौता है, जो एबी-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उचित और सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित करने को प्रोत्साहन देगा।
लिंग परिवर्तन सर्जरी का खर्च सरकार देगी
भारत सरकार की नयी योजना के अनुसार पूरे देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल द्वारा जारी एक ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र रखने वाले) को सभी स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध होंगे। एमओएसजेई हर एक ट्रांसजेंडर लाभार्थी को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान देगा। मौजूदा एबी- पीएमजेएवाई पैकेज और ट्रांसजेंडरों के लिए विशिष्ट पैकेज (सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी -एसआरएस और उपचार) सहित ट्रांसजेंडर श्रेणी के लिए एक व्यापक पैकेज मास्टर तैयार किया जा रहा है। वे देशभर में एबी- पीएमजेएवाई के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में इलाज कराने के पात्र होंगे, जहां विशिष्ट पैकेज उपलब्ध हैं। यह योजना सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कवर करेगी, जो अन्य केंद्र या राज्य प्रायोजित योजनाओं से इस तरह के लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।

मर्द से औरत बनने का खर्च 5 लाख तक
लिंग परिवर्तन की खबरें कभी अमेरिका जैसे विकसित देशों से आती थीं तो लोग अचंभित हो जाते थे लेकिन अब भारत में भी यह मेडिकल सुविधा उपलब्ध है। भारत में ही ऐसे सौ से अधिक केन्द्र हैं जो कि इंटरनेट पर असानी से तलाशे जा सकते हैं। इन निजी अस्पतालों या क्लीनिकों में सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) से गुजरने की लागत पुरुष से महिला (एमटीएफ) परिवर्तन के लिए 2 से 5 लाख रुपये के बीच हो सकती है। महिला से पुरुष (एफटीएम) के लिए सर्जरी कुछ ज्यादा पेचीदा है इसलिये निजी अस्पतालों में कहीं भी 4 लाख से लेकर 8 लाख तक का खर्च आता है जो कि एक सामान्य ट्रांसजेंडर की पहुंच से बाहर है और सरकारी तौर पर भारत में यह व्यवस्था अभी शुूरू नहीं हुयी है। सामान्यतः माता-पिता भी इस काम में समाज के डर से अपने ट्रांसजेडर सन्तान की मदद नहीं करते।

ऐसे बनेंगे किन्नर मर्द से औरत
चिकित्सकीय प्रकृयानुसार लिंग परिवर्तन सर्जरी के मामले में जननांगों के ऊतकों को फिर से आकार देने के लिए एक खास सर्जरी प्रक्रिया की जाती है। यदि कोई पुरुष ट्रांसजेंडर चाहता है, तो उसे एक वैजिनोप्लास्टी, स्तन वृद्धि सर्जरी, चेहरे की स्त्रीकरण और अन्य प्रक्रियाओं से भी गुजरना पड़ता है। जेंडर चेंज सर्जरी से पहले, व्यक्ति को लगभग एक साल तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) से गुजरना पड़ता है। महिला बनने के लिये हार्मोनल थेरेपी से पुरुषों की दाढ़ी, बाल और मूंछें गायब होने लगती हैं।

लेकिन फिर भी सन्तानोत्पत्ति नहीं कर सकेंगे
विशेषज्ञों के अनुसार सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी भी दो से तीन चरणों में की जाती है। पुरुष से महिला की सर्जरी करने के लिए लिंग और वृषण जैसे बाहरी अंगों को हटा दिया जाता है और लिंग की त्वचा को इनवेजिनेट किया जाता है और इस त्वचा का उपयोग स्त्री जननांग के निर्माण के लिए किया जाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट इम्प्लांट स्तन का निर्माण करने के लिए किया जाता है। महिलाओं में गर्भाशय और स्तनों को दो चरणों में हटा दिया जाता है। अगले चरण में, लिंग के निर्माण के लिए शिश्न का पुनर्निर्माण किया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार सर्जरी के बाद परिवर्तित पुरुष न तो पिता बन सकता है और महिला भी मां नहीं बन सकती।
ट्रांसजेंडरों के लिये पोर्टल भी खुला
इससे पहले सामाजिक न्याय मंत्रालय ने नवंबर, 2020 में एक राष्ट्रीय पोर्टल की शुरूआत की थी, जहां ट्रांसजेंडर व्यक्ति संबंधित जिला अधिकारी से पहचान प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए पोर्टल किसी भी तरह की शारीरिक उपस्थिति की की मांग नहीं करता।
2019 में बन गया था ट्रांसजेंडरों को सामाजिक न्याय के लिये कानून
देेश में ट्रांसजेंडरों लैंगिक विकार के कारण अपमान और तिरस्कार से मुक्ति दिलाने के लिये इससे पहले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 संसद द्वारा पारित हुआ था। इस कानून में लैंगिक आधार पर किन्नरों को परिभाषित भी किया गया है। इसके अनुसार अगर किसी व्यक्ति का जेंडर (लिंग) उस जेंडर से मेल नहीं खाता जिसके तहत उसे जन्म के समय रखा गया था, तो वह ट्रांसजेंडर कहलाएगा। वहीं इस विधेयक के मुताबिक ऐसे किसी व्यक्ति को अपनी पुरुष, स्त्री या किन्नर पहचान रखने का अधिकार होगा। साथ ही इसमें प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को ट्रांसजेंडर तभी माना जाएगा जब जिला स्तर पर बनी एक समिति यह प्रमाणित कर देगी।
ट्रांसजेंडर अधिनियम 2019 के प्रावधान:-
(1) किसी ट्रांसजेंडर व्यक्तिके साथ शैक्षणिक संस्थानों, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं आदि में भेदभाव नहीं किया जाएगा। (2) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान को मान्यता और उन्हें स्वयं के कथित लिंग की पहचान का अधिकार प्रदान करना (3)माता-पिता और परिवार के नजदीकी सदस्यों के साथ रहने का प्रावधान। (4) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रम बनाने का प्रावधान। (5)ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें सलाह देने, उनकी देख-रेख और मूल्यांकन उपायों के लिए राष्ट्रीय परिषद का प्रावधान है।