अवर अभियंता के तबादले से पोखरी क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति में सुधार की उम्मीद जगी
–पोखरी से राजेश्वरी राना-
जल संस्थान पोखरी कार्यालय से अवर अभियंता योगेन्द्र डौडियाल के स्थानान्तरण पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ब्यापारियो ने ताहत की सांस ली है। क्योंकि उनके कार्यकाल में न केवल पोखरी कस्बा अपितु आसपास के क्षेत्रों में गंभीर पेयजल संकट से जूझते रहे हैं।
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और व्यपारियों ने अधीक्षण अभियंता जल संस्थान गोपेश्वर द्वारा योगेन्द्र ढौंडियाल को पोखरी से हटाये जाने का स्वागत करते हुये कहा है कि उक्त अवर अभियन्ता के कार्यकाल में पूरे विकास खण्ड की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था चरमारा गयी थी। वह अधिकांश समय क्षेत्र से नदारद रहते थे। जनता और जनप्रतिनिधियों से इनका ब्यवहार भी ठीक नहीं था। उनके बारे में यहां तक शिकायत थी कि अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से उनका ब्यवहार ठीक नहीं था और वह,उनके आदेशों की बार बार अवहेलना करते रहते थे।
ब्ताया जात है कि अवर अभियंता योगेन्द्र डौडियाल द्वारा अपने ही विभाग के खिलाफ सूचना का अधिकार लगाकर विभागीय जानकारी मांगी जाती थी जो कि सेवा नियमावली का उलंघन था। यह भी आरोप था कि उनके कार्यकाल में महीने में 20 दिन पूरे पोखरी बाजार सहित नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति ठप्प रहती थी। इन्हीं शिकायतों के आधार पर अधीक्षण अभियंता जल संस्थान गोपेश्वर द्वारा ढौंडियाल का यहां से स्थानान्तरण विभागीय और जनहित में किया गया है।
बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र सिंह भण्डारी, नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत, ब्लाक प्रमुख प्रीती भण्डारी, भाजपा नगर अध्यक्ष जितेंद्र सती, सांसद प्रतिनिधि डा0 मातवर रावत, कांग्रेस के ब्लांक अध्यक्ष सन्तोष चौधरी, नगर अध्यक्ष सत्येन्द्र कण्डारी, भाजपा नेता आनन्द सिंह राणा, पूर्व प्रमुख नरेंद्र रावत, मयंक पंत, ब्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष महेन्द्र प्रकाश सेमवाल, ब्लाक अध्यक्ष बीरेंद्र राणा, जिला उपाध्यक्ष कुंवर सिंह चौधरी एवं महिधर पंत सहित तमाम जन प्रतिनिधियों और ब्यापारियो ने विभाग से अविलम्ब जल संस्थान कार्यालय पोखरी में नये अवर अभियन्ता की तैनाती की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर विभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा किसी दबाव में इनका स्थानान्तरण निरस्त किया गया तो वे विभाग के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ने को विवश होगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी विभागीय उच्चाधिकारियों की होंगी.