हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा बामनाथ में आयोजित शिवपुराण की जल कलश यात्रा में 

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–राजेश्वरी राणा –

पोखरी, 23 जुलाई। बद्रीनाथ -केदारनाथ की भूमि चमोली एवं रुद्रप्रयाग जिलों के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक वामनाथ धाम में चल रहे महाशिवपुराण के आठवें दिन आज शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने जल कलश यात्रा में शामिल हो कर निगोल नदी ( निगोमती ) के किनारे तीन धाराओं के संगम पर स्नान किया। यह आयोजन बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र सिंह भण्डारी एवं जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी द्वारा किया गया है। इस क्षेत्र में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ऐसा सामूहिक आयोजन हो रहा है जिसमें कथा को सुनने रुद्रप्रयाग से लेकर जोशीमठ तक के श्रद्धालु पहुँच रहे हैं।

बामनाथ में आयोजित शिव महापुराण कथा के 8 वे दिन  क्षेत्र की महिलाओं और कन्याओं द्धारा  त्रिवेणी घाट से  बामेश्वर मंदिर  तक जल कलश यात्रा निकाली गयी। जय जय भोले के नारों के बीच त्रिवेणी घाट से लेकर बामनाथ   मंदिर  तक परिसर  तक का वातावरण गुंजायमान रहा  हर किसी की जुबान पर बम बम भोले था । जल कलश यात्रा को देखने के लिये क्षेत्र की महिलाओं पुरुषों  का हुजूम उमड़ पड़ा।

विकास खण्ड के ऐतिहासिक और पौराणिक शिवालय बामनाथ में बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र सिंह भण्डारी तथा जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी द्धारा बामेश्वर क्षेत्र की जनता के सहयोग से 9 दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है , कथा का  शुभारंभ  श्रावन मास के शुभारंभ 16 जुलाई से  हुआ। इस शिव महापुराण कथा का वाचन  ब्यास  कृष्णप्रिया  द्धारा  किया  जा रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण हेतू और भगवान शंकर को बेलपत्र अर्पण ओर जलाभिषेक हेतू पहुंचे रहे हैं।

आजकल पूरा   बामेश्वर मंदिर परिसर हर हर महादेव  के नारों से गुंजायमान है। कथा के आठवें दिन आज क्षेत्र की महिलाओं और कन्याओं  द्धारा ब्यास कथा वाचक कृष्णप्रिया की अगुवाई में निगोमती नदी के किनारे  त्रिवेणी घाट से लेकर  बामनाथ मंदिर परिसर तक जल कलश यात्रा निकली गयी बड़ी संख्या में  कन्याओं  और महिलाओ  की लम्बी कतार और जय भोले के गगनभेदी नारों के बीच इस जल कलश यात्रा का नजारा ही कुछ और था ,जल कलशयात्रा में क्षेत्र की महिलाओं  कन्याओं का हुजूम उमड़ पड़ा । हजारों की संख्या में भक्त जल कलशयात्रा देखने के लिये बामनाथ पहुंचे।

त्रिवेणी घाट से बामनाथ मंदिर  परिसर तक  का पूरा वातावरण हर हर महादेव के नारों से गुंजायमान था ,पूरा वातावरण शिव भक्तिमय बना हुआ था।  इस जल कलश यात्रा के बाद सभी लोगों ने भगवान शंकर को बेलपत्र चढ़ाकर कर जलाभिषेक कर आशीष मांगा तथा कृष्ण प्रिया जी की  आवाज़ में भगवान शंकर की कथाओं  का श्रवन किया ।

भगवान शंकर के विभिन्न स्वरुपो का वर्णन और भजनों से पूरा पांडाल भक्तिमय बना हुआ था  तथा श्रोता भगवान शंकर के भजनो पर झूमने लगे और अपने को धन्य समझने लगे ,कथा वाचक कृष्णप्रिया ने श्रोताओं को भगवान शंकर के विभिन्न स्वरुपो की कथा सुनाते हुये कहा कि शिव महापुराण कथा  का महात्य  सार अमृत के समान है ,यह कोई साधारण कथा नहीं है ,इसके सुनने से मनुष्य जन्म मरण के बन्धन से मुक्त होकर इस माया के संसार भव सागर से पार हो जाता है और , फिर  इस मकड़जाल जन्म मरण के बन्धन में नहीं पड़ता है।

आज आठवें दिन भी बड़ी संख्या में सुदूर क्षेत्रो से श्रदालु शिव महापुराण का महात्म्य सुनने बामनाथ पहुंचे तथा कथा का फल प्राप्त किया। इस अवसर पर वेद पाठी ब्राहमण शशिभूषण त्रिपाठी, अरविंद त्रिपाठी , विधायक राजेंद्र सिंह भण्डारी, जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी ,कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष चनद्रपाल भण्डारी, कोषाध्यक्ष रघुनंदन नेगी, सचिव राकेश रावत , राजकिशोर भण्डारी, रणबीर भण्डारी,  रवेन्द्र भण्डारी ब्लाक प्रमुख प्रीती भण्डारी, संतू नेगी सन्तोष चौधरी, बीरेंद्र भण्डारी, शिव सिंह रावत, रघुनाथ रावत, बैशाखू लाल, दिगपाल भण्डारी, पृथ्वी भंडारी, नीरज कण्डारी  सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग और श्रद्धालू मौजूद थे ,कल 24 जुलाई को शिव महापुराण कथा का ब्रहमभोज के साथ समापन होगा ।

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