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मूसलाधार बारिश से पूरे उत्तराखंड में जनजीवन अस्त व्यस्त : नदी नाले बौखलाए ; कई इलाकों में भरी नुकसान 

 

 

-प्रकाश कपरवाण की रिपोर्ट –

जोशीमठ,14जुलाई। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से पूरे प्रदेश का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।मैदान से लेकर पहाड़ तक हर जगह तबाही का मंजर है। गरुड़ गंगा मे भी  बादल फटने से भारी तबाही हो गई है। गरुड़ गंगा  लॉज नदी के किनारे दो  आवासीय  मकान  नदी में बह गए है। पीपलकोटी से मायापुर आदि क्षेत्रों मे भारी तबाही मचाई है

बीती रात्रि को हुई भारी बारिश व बादल फटने की घटना ने पीपलकोटी से मायापुर आदि क्षेत्रों मे भारी तबाही मचाई है। सड़के मलबे से पट गई है। नगर पंचायत पीपलकोटी के कई वाहन मलवे में दब गए है, जबकि पंचायत कार्यालय के पीछे बने पर्यावरण मित्रों के आवास मे भी मलबा घुसने से काफी नुकसान हुआ है,उनका सामान, मुर्गियां व अन्य जानवर मलबे मे दफन हो गए है।

उत्तराखंड में लगातार हो रही वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। साथ ही कृषि भूमि, सड़क, पुल समेत सार्वजनिक संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचा है। अभी तक राज्य में आपदा से 637 करोड़ रुपये की क्षति आंकलित की गई है। पिछले दो दिन से वर्षा का क्रम तेज होने से इसमें वृद्धि होना तय है।

जोशीमठ : मौके से सामाजिक कार्यकर्ता अतुल साह ने बताया कि अगथला के एक दुकानदार के भी बहने की सूचना है। उनके अनुसार यह तबाही बादल फटने की घटना से हुई है।

गरुड़ गंगा पाखी निवासी भुवनेश जोशी के अनुसार  रणजीत सिंह राणा दरवान सिंह एवं धन सिंह के मकानों के बहने की सूचना है जबकि ग्राम पंचायत पाखी के विभिन्न तोक खतरे की जद मे आ गए हैं।

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत पाखी के ऊपर भी भू धंसाव के कारण  गांव में  पानी भर गया है लोग दहशत में है। भारी बारिश व बादल फटने के कारण गरुड़ गंगा नदी के किनारे योगेश नेगी दो मकान, गरुड़ गंगा मंदिर एवं पुल भी खतरे की जद मे आ गए हैं।

ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे बारिश के कारण मलबा आने से करीब 12 घंटे बाधित रहा। अब मार्ग को रविवार दोपहर करीब 12 बजे छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे शनिवार देर रात 12 बजे बारिश के कारण शिवपुरी, सिंगटाली, अटाली, कौडियाला व तोताघाटी में मलबा आने से बाधित हो गया था।

राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र की विग्यप्ति के अनुसार  इस बार मानसून सीजन  भारी गुजर रहा है। 15 जून से अब तक की स्थिति देखें तो इस अवधि में आपदा में 60 व्यक्तियों की जान गई है, जबकि 37 घायल हुए हैं और 17 लापता हैं। इसके अलावा 1329 घरों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 35 पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं। 7694 पशु भी काल-कवलित हुए हैं। इसके अलावा कृषि भूमि, सड़कों, पुलों, बागानों आदि को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

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