मिलनी की रस्में; कौली भरने से लेकर भेंटी जौला और hugging तक
-गोविंद प्रसाद बहुगुणा-
कौली भरना शब्द मैने पश्चिमी उत्तरप्रदेश के लोगों के मुख से ही सुना था । गढ़वाली में *भेंटी जौला* या अंग्वाल मारना ज्यादा प्रचलित है लेकिन बोलचाल की अंग्रेजी में Hug या hugging जब मैने पहली बार सुना तो मुझे हंसी आ गई उससे पहले तो हम Embrace या embracing ही जानते थे।
अंग्रेजी कवि PBShelley की लिखी यह बात याद आती है कि
Sometimes it’s better to put love into hugs than to put it into words. Soul meets soul on lovers lips.
महाकवि भास द्वारा रचित प्रतिमानाटकम् में एक दृश्य ऐसा आता है जब चित्रकूट में राम और भरत का मिलन होता है। राम बाहें फैलाए आगे बढ़ते हुए भरत से कहते हैं -भरत भाई दरवाजे के पल्लों की तरह अपनी लंबी भुजाये खुलकर फैला दो और कस कर मेरा आलिंगन करो ताकि तुम्हारे विरह में इतने दिनों से जलते हुए मेरे शरीर को वैसे ही ठंडक मिले जैसे लोगों को शरद ऋतु की चांदनी में मिलता है।
वक्ष:प्रसारय कवाटपुटप्रमाण आलिंग्य मां सुविपुलेन भुजद्वयेन । उन्नामयानन मिदं शरदिन्दुकल्पं प्रह्लादय व्यसनदग्धमिदं शरीरम्।। ”
रामचरितमानस में तुलसी कहते हैं -कहत सप्रेम नाइ महि माथा। भरत प्रनाम करत रघुनाथा॥
उठे रामु सुनि पेम अधीरा। कहुँ पट कहुँ निषंग धनु तीरा॥बरबस लिए उठाइ उर लाए कृपानिधान। भरत राम की मिलनि लखि बिसरे सबहि अपान॥
लेकिन देवताओं को दोनों भाईयों का इस तरह मिलना रास नहीं आया। उनका ऐजेंडा दूसरा ही था –
मिलनि बिलोकि भरत रघुवर की।सुरगन सभय धकधकी धरकी ।…
यह प्रसंग कभी ऐसा लगता है जब किसी दो महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों का विलय या गठबंधन होता है तो प्रतिस्पर्धी किसी बड़ी पार्टी में खलबली मच जाती है। गले लगने की फोटो अखबारों में प्रसारित की जाती हैं। -GPB
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