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देहरादून में आयोजित स्वास्थ्य मंत्रालय के दो दिवसीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का समापन

 दो दिवसीय सम्मेलन में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे

On the last day of this two-day event, sessions were held on various facets of healthcare in India today ranging from the status of medical education to the National Tuberculosis Elimination Mission, District Residency Programme, and Ayushman Bhav.

–uttarakhandhimalaya.in —

देहरादून, 15  जुलाई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज देहरादून में दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर के समापन पर अपने समापन भाषण में कहा कि जब हम इस गहन चिंतन शिविर से अपने राज्यों में वापस जाएं तो आइए हम इस सम्मेलन से मिली सीख का उपयोग करें और अपनी केंद्रित नीतियों के माध्यम से संकल्प लें कि हम देश को आयुष्मान भारत कार्ड और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता आईडी से संतृप्त करेंगे;  और हमारे राज्यों को टीबी मुक्त बनाएं, और देश से कुष्ठ रोग,” कालाजार और मलेरिया को खत्म करने की दिशा में भी काम करें।”

 सम्बोधन में श्री मांडविया ने कहा, “आइए हम एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करें जो देश के अमृत काल के अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप की तरह काम करेगा जो हमारे राज्यों के नागरिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में हमारे प्रयासों का मार्गदर्शन करेगा।”
 उन्होंने केंद्र और राज्यों को देश के लिए भविष्य की स्वास्थ्य नीतियां बनाने के लिए मिलकर काम करने की सलाह दी।  उन्होंने राज्यों को अपने स्वयं के चिंतन शिविर आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जहां उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार स्थानीय समाधान निकाले जा सकते हैं।  उन्होंने स्वास्थ्य सेवा को और अधिक समावेशी बनाने के लिए नीति निर्माण में नई पीढ़ियों की आकांक्षाओं और विचारों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
 इस दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन, आज भारत में चिकित्सा शिक्षा की स्थिति से लेकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन मिशन, जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम और आयुष्मान भव तक स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न पहलुओं पर सत्र आयोजित किए गए।
 समापन समारोह में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, “इन दो दिनों में राज्यों में खुली बातचीत हुई और मेरा मानना ​​है कि इन विचार-विमर्श से देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रावधान में मजबूत परिणाम मिल सकते हैं।”
इस  दो दिवसीय सम्मेलन में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। स्वास्थ्य चिंतन शिविर में सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, श्री टीएस सिंह देव (उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़) की भागीदारी देखी गई। श्री ब्रजेश पाठक (उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश), श्री बीएस पंत (पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री, सिक्किम), श्री विश्वास सारंग (राज्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मध्य प्रदेश), और श्री के लक्ष्मी नारायणन (मंत्री)  लोक निर्माण विभाग, पुडुचेरी), श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्रीमती रजनी विदाला (आंध्र प्रदेश), श्री अलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), श्री केशब महंत (असम), श्री रुशिकेश पटेल (गुजरात), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड) सहित विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री), श्री दिनेश गुंडू राव (कर्नाटक), श्री सपम रंजन सिंह (मणिपुर), डॉ. आर. लालथ्यांगलियाना (मिजोरम), श्री थिरु मां।  सुब्रमण्यन (तमिलनाडु) ने विचार-मंथन समापन सत्र में भाग लिया।
 श्री वीके पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, श्री राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, श्री सुधांश पंत, विशेष कर्तव्य अधिकारी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष, डॉ. राजीव बहल,  कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही उद्योग निकायों के नेता उपस्थित थे।

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