कानून से भी लंबे हाथ नज़र आ रहे हैं पिंडर घाटी के स्टोन क्रशर संचालक के
–-थराली से हरेंद्र बिष्ट–
तों क्या अब सत्ता पक्ष के नेताओं के आगे आने के बाद सुनला गांव में स्थापित स्टोन क्रशर के द्वारा नियम कानूनों को ताक में रखकर संचालन करने के आरोपों पर कोई बड़ी कार्यवाही हों सकती हैं?! पिछले लंबे समय से इस क्रशर को लेकर शिकायतों का लंबा दौर चलता आ रहा हैं। किन्तु शिकायतों के विरुद्ध प्रशासन स्तर से कोई बड़ी कार्रवाई अब तक देखने को नही मिली हैं।
थराली विकासखंड के अंतर्गत ग्वालदम-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुनला गांव में अभ्युदय उत्तराखंड स्टोन क्रशर के नाम से पिछले कई वर्षों से एक क्रेसर संचालित हो रहा हैं। किन्तु स्थापना से लेकर अब तक इस क्रशर का विवादों से चोली-दामन का रिश्ता बना हुआ हैं। कभी नियमों को ताक पर रखकर तों कभी भंडारण, ओवर लोडिंग के साथ ही ओवर रेडिंग, तों कभी पर्यावरण की खुली अवेहलना का आरोप गाये-बगाये लगते रहे।
प्रशासन से लोगों के द्वारा कई तरह की शिकायतें करने के बावजूद भी क्रशर के खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई अमल में लाते आज तक दिखाई नही दी हैं। जिससे संचालक के लंबे हाथों की आशंकाओं के साथ ही प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी संदेह व्यक्त किया जाता रहा हैं। आरोप हैं कि संचालकों की मनमानी लगातार जारी हैं।
अब जबकि पिछले दिनों स्वयं सत्ताधारी पार्टी भाजपा के पिंडर घाटी के तीन में से दो ब्लाक प्रमुखों थराली की कविता नेगी व नारायणबगड़ के यशपाल सिंह नेगी के साथ ही दोनों मंडलो के मंडल अध्यक्ष थराली के रणजीत सिंह नेगी व नारायणबगड़ एमएन चंदोला ने थराली के उपजिलाधिकारी के माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी को अभ्युदय क्रेशर पर गंभीर आरोप लगाते एक संयुक्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन दे कर जांच करने एवं कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए,जांच नही नही करने पर जिस तरह से आंदोलन की धमकी दी है। उसके बाद माना जानें लगा हैं कि संभवतः अब सत्ता पक्ष के ही जिम्मेदार नेताओं के द्वारा आरोप लगाने के बाद इस क्रशर के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही हो सकती हैं। अगर वास्तव में क्षेत्र के प्रमुख नेताओं की शिकायत पर भी कार्यवाही नही हो पाती हैं तों संचालकों के लंबे हाथों की बात सही साबित होगी। अगर कार्रवाई होती हैं तों संचालकों को अबतक नियमों को ताक पर रख कर काटी चांदी से हाथ धोना पड़ सकता हैं।
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इस संबंध में पूछे जाने पर थराली के एसडीएम रविंद्र जुवांठा ने ज्ञापन मिलने की बात करते हुए कहा कि वें भी इस मामले को गंभीरता से देख कर अपने स्तर पर जरूरी कार्रवाई करेंगे।
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सूत्रों के अनुसार सुनला स्थित अभ्युदय क्रशर के संचालकों के हाथ कितने लंबे हैं।इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि इधर सत्ता पक्ष के प्रमुख नेताओं ने क्रेशर के खिलाफ जांच को ज्ञापन दिया और जांघ में सबसे अधिक आंच भंडारण में आने की संभावना को देखते हुए कुलसारी स्थित भंडारण स्थल से आनन-फानन में उपखनिज का उठाना शुरू कर दिया हैं।माना जा रहा है कि तत्काल कार्रवाई नही की गई तों एक बार फिर प्रशासन के हाथ खाली रह सकतें हैं।.
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