उत्तराखंड के 14 शहरों में एक समान टैक्स प्रणाली लागू होने जा रही है
देहरादून, 22 फरबरी (उहि )।उत्तराखंड के 14 शहरों में एक समान टैक्स प्रणाली लागू होने जा रही है। इसकी कवायद शहरी विकास निदेशालय ने शुरू कर दी है। पहले चरण में देहरादून सहित चार शहरों में जीआईएस मैपिंग का काम पूरा होने जा रहा है। इसके बाद अन्य 10 शहरों में शुरुआत होगी। दूसरे चरण में सभी नगर पंचायतों में जीआईएस मैपिंग शुरू होगी। इससे भविष्य में प्रदेशभर में एक समान टैक्स प्रणाली लागू हो जाएगी।

हैदराबाद और शिमला की तर्ज जियोग्राफिक मैपिंग शुरू
शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक कुमार पांडेय के अनुसार हैदराबाद और शिमला जैसे शहरों की तर्ज पर प्रदेश में भी प्रॉपर्टी कीजीआईएस यानी जियोग्राफिक इंफारमेशन सिस्टम मैपिंग शुरू हो चुकी है। पहले चरण के तहत देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर में मैपिंग अंतिम दौर में है।इसके बाद पहले चरण में 10 और शहरों की जीआईएस मैपिंग होगी। जिसमें सभी निगम और जिला मुख्यालयों की पालिकाएं (जैसे पिथौरागढ़, अल्मोड़ा) भी शामिल हैं। मैपिंग से न सिर्फ भवनों की लोकेशन पता चलेगी बल्कि अवैध निर्माण और प्रॉपर्टी टैक्स चुराने वालों की भी जानकारी मिल जाएगी। इसमें सरकारी भूमि पर होने वाले कब्जों का भी पता लग सकेगा। यह सर्वे वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट से हो रहा है। दूसरे चरण में सभी नगर पंचायतों में भी हाउस टैक्स के लिए सर्वे किया जाएगा।
कर निर्धारण प्रणाली बदलेगी
प्रदेश में अभी प्रापर्टी टैक्स निर्धारण की अलग-अलग प्रणालियां हैं। देहरादून सहित बड़े निकाय जहां स्वकर निर्धारण की प्रणाली अपना चुके हैं। वहीं, अन्य निकाय कारपेट एरिया से टैक्स वसूल रहे हैं। बावजूद इसके किसी भी निकाय में हाउस टैक्स की वसूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो पा रही है। जबकि प्रापर्टी टैक्स निकायों की कमाई का अहम आधार है। टैक्स निर्धारण की वर्तमान प्रणाली के तहत इसमें बड़े पैमाने पर राजनीतिक हस्तक्षेप भी होता है, लेकिन पूरी प्रक्रिया तकनीकी आधारित होगी तो इसमें छेड़छाड़ संभव नहीं होगी।
लोग स्मार्ट कार्ड से ही हाउसटैक्स ऑनलाइन जमा कर सकेंगे
योजना के तहत निकाय क्षेत्र का जीपीएस मैप तैयार कर, सभी आवासीय, व्यावसायिक भवनों की जियो टैगिंग की जाएगी। सर्वे के दौरान सभी भवनों को एक यूनिक आईडी नंबर युक्त स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इस आईडी में भवन की फोटो, आकार, कवर एरिया, मकान मालिक का नाम, मकान का नंबर सहित सभी विवरण दर्ज होगा। भविष्य में लोग इस आईडी से ही हाउसटैक्स ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे।