आसमान में देखने को मिला अद्भुत नजारा, सूर्यदेव के चारों ओर नजर आया इंद्रधनुषी घेरा

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कन्या लग्न में ग्रहों की अद्भुत स्थिति की वजह से हुआ यह नजारा

–दिनेश सेमवाल शास्त्री-
देहरादून, 24 जुलाई । आज  रविवार को प्रातः लगभग 11:00 बजे से सूर्य के चारों तरफ इंद्रधनुषी छटा देखने को मिली जिसकी शोभा देखते ही बन रही थी लोगों ने बड़ी उत्सुकता पूर्वक इस को जानने का प्रयास किया
स्वाभाविक रूप से देश के लगभग अधिकतम राज्यों से उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के फोन पर लोग उत्सुकता पूर्वक जुड़ने लगे और पूछने लगे कि सौर मंडल में इस घटना का क्या तात्पर्य है।
लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि आज कर्क लग्न में सूर्य उदय हुआ तो सूर्य और बुध की युति एक साथ होने से बुधादित्य योग बना जो ज्योतिष में बहुत बड़ा योग है ठीक 9:50 से कन्या लग्न प्रारंभ हुआ तो सूर्य और बुध की युति 11 वे स्थान में बनी और बुद्ध ने चंद्रमा की स्वामित्व वाली कर्क राशि के अधीन अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश किया जबकि चंद्रमा स्वयं आज वृष राशि और अपने सबसे प्रिय रोहिणी नक्षत्र पर भ्रमण कर रहे हैं
आचार्य घिल्डियाल ने इसकी व्याख्या करते हुए बताया कि सौरमंडल में पराबैंगनी स्पेक्ट्रम के लिए जिम्मेदार बुद्ध शुक्र और चंद्रमा की इस प्रकार की स्थिति सूर्य के नजदीक बनने से और नक्षत्रों का भी इस प्रकार का संयोग बैठा जिससे यह पराबैंगनी विकिरण की घटना घटित हुई उन्होंने यह भी कहा कि यदि बरसात का मौसम ना होता और इस प्रकार की ग्रह स्थिति बनती तो तब भी इस प्रकार का नजारा देखने को नहीं मिल सकता था वायुमंडल में नमी और सौरमंडल में इस प्रकार की स्थिति के एक साथ होने से यह स्थिति देखने को मिली है

ज्योतिष शास्त्र एवं शिक्षा विभाग में बड़े हस्ताक्षर डॉक्टर चंडी प्रसाद ने कहा कि आज जिन लोगों ने भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप का पूजन और स्तवन भगवान सूर्य और भगवान शिव के साथ किया होगा उनको अभीष्ट फल की शीघ्र प्राप्ति होगी।

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