जल जीवन मिशन में उत्तराखण्ड देश में छठवें स्थान पर

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देहरादून,  20   अप्रैल (उहि ) । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाई जाय। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य किये जाय। उन्होंने कहा कि नलकूप एवं हैण्डपम्प जिस भी विभाग या संस्था द्वारा लगाये जा रहे हैं, उनके मेंटिनेंस के लिए उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाय।

समीक्षा बैठक में  सचिव पेयजल नितेश कुमार झा ने जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखण्ड में तेजी से कार्य हो रहा है। जल जीवन मिशन के तहत कार्य प्रगति में उत्तराखण्ड देश में छठवें स्थान पर है। जल जीवन मिशन के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों को शत प्रतिशत कवर कर लिया गया है। जल जीवन मिशन ग्रामीण के तहत राज्य के 62 प्रतिशत कनेक्शन दिये जा चुके हैं। दिसम्बर 2023 तक इसे शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। नाबार्ड फंड की 280 योजनाओं में से 244 पूर्ण हो चुकी है, शेष 36 इस साल पूरी हो जायेगी। नमामि गंगे की 23 योजनाओं में से 19 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 04 पर कार्य प्रगति पर है। पिछले 05 वर्षों में मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत 336 घोषणाओं में से 293 के शासनादेश हो चुके हैं। जिसमें से 133 पूर्ण हो चुकी हैं जबकि 160 पर पर कार्य प्रगति पर है।बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, अपर सचिव श्री नितिन भदौरिया, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री उदयराज एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित

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