ग्रामीणों को मजबूरन थराली-चौड़ा-कीमनी मार्ग की स्वयं मरम्मत करनी पड़ी

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थराली से हरेंद्र बिष्ट

एनपीसीसी के द्वारा मोटर सड़क की हालत नही सुधारने पर मजबूरन ग्रामीणों को ही हथियार उठा कर सड़क को सुधारने का बीड़ा उठाना पड़ा। लंबे समय से मार्ग की मरम्मत नही किए जाने से ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ रोष बढ़ता ही जा रहा हैं।

दरअसल इस विकासखंड के अंतर्गत थराली-चौंड़ा-किमनी 5.30 किमी का आरडब्लूडी के कर्णप्रयाग डीविजन के द्वारा पीएमजीएसवाई के तहत पार्ट फस्ट का कार्य किया गया था। उसके बाद 2018 में पार्ट सेकेंड के तहत सरकार ने इस सड़क को आरडब्लूडी से वापस लेकर एनपीसीसी को सौंप दिया। 359.25 लाख की लागत से एनपीसीसी के द्वारा इस सड़क का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का कार्य शुरू करते हुए 2019 को कार्य पूरा होना दिखाया गया हैं। इसके बाद 2025 तक पांच वर्षों के लिए इस सड़क को अपने अनुरक्षण मेंं रखा गया है। इसके लिए बाकायदा 28 लाख की धनराशि अपने पास अनुरक्षण के लिए रखने की सड़क पर लगें साइन बोर्ड में कही गई हैं। गांव के मनवीर फर्स्वाण, सुरेंद्र फर्स्वाण, आनंद सिंह, देवेंद्र रावत आदि ने बताया कि पिछले वर्ष बरसात में सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई थी। सड़क की बदहाल स्थिति के कारण जहां एक ओर हमेशा दुर्घटना की आशंकाए बनी रहती हैं,वही वाहनों को भी खासा नुकसान पहुंच रहा हैं।इस संबंध में लगातार एनपीसीसी के आलाधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से सड़क सुधारने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग करने के बावजूद सड़क में सुधार नही किए जाने के बाद आज से चौंड़ा,किमनी,काखड़ा आदि गांवों के ग्रामीणों ने मिलकर श्रमदान के जरिए सड़क को सुधारने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत,मलुवा साफ किए जाने,खड्डों को भरने का कार्य किया जा रहा हैं। ग्रामीणों ने एनपीसीसी पर ठेकेदार से मिली भगत कर अनुरक्षण का लाखों रूपयों को डकारने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग भी की हैं।

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