उत्तराखण्ड में 23 जुलाइ तक मौसम डराता रहेगा, 20 को खतरा ज्यादा
देहरादून, 19 जुलाइ (उहि)। उत्तराखण्ड में अगले 4 दिनों तक मौसम का मिजाज सुधरने वाला नही है। 20 जुलाई को तो मौसम विभाग ने राज्य के कम से कम 7 जिलों में अत्यन्त भारी वर्षा की चेतावनी जारी कर रखी है, जबकि 19 जुलाइ से 23 जुलाइ तक अधिकांश जिलों में भारी और कहीं-कहीं तो बहुत भारी वर्षा का एलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार आज मंगलवार को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, उधमसिंहनगर, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी प्रकट की गयी है।
लेकिन 20 जुलाइ को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, उधमसिंहनगर तथा हरिद्वार जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी तथा कहीं-कहीं अत्यन्त भारी वर्षा होने की संभावना है। शेष जिलों में 20 जुलाइ को कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। ऊचााई वाले क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से जानमाल का खतरा भी है।
मौसम विभाग के अनुसार 21 से लेकर 23 जुलाइ तक राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल तथा पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
मुख्य सचिव ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र एवं सभी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों में सभी विभागों द्वारा सक्षम स्तर के नोडल अधिकारियों को तैनात किए जाने के निर्देश दिए ताकि आपदा जैसी परिस्थितियों में नोडल अधिकारी निर्णय लेने एवं निर्देश देने हेतु अधिकृत हों। मुख्य सचिव ने पूरे मानसून काल में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर सडकें टूटने अथवा धंसने की स्थिति में सड़कों पर यातायात सुचारू करने हेतु जेसीबी एवं पोकलैंड मशीनें तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं ताकि आम जनता को आवागमन में कोई परेशानी का सामना ना करना पडे़। उन्होंने पेयजल व विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मानसून के दौरान विद्युत एवं पेयजल सुचारू रखने हेतु दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से उपकरण अथवा सामग्री स्टोर करें ताकि मानसून के दौरान विद्युत एवं पेयजल बाधित होने पर तत्काल सुचारू किया जा सके।मुख्य सचिव ने वर्षा काल के दौरान अथवा आपदा जैसी परिस्थितियों हेतु चिन्हित खाद्यान्न गोदामों में खाद्यान्न की समुचित मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देश दिए।