अन्जना के हौसले को सलाम : मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिं : अब कामयाबी चरणों में
–उत्तराखंड हिमालय के लिए प्रभुपाल रावत द्वारा —
अगर इंसान के हौंसले बुलंद हों तो लक्ष्य चाहे कितना भी दूर और दुरूह क्यों न हो, कामयाबी अवश्य मिलती है। एक अपंग भी पहाड़ की छोटी लाँघ सकता है। ऐसी ही मिसाल ऋषिकेश की बालिका अंजना पेश कर रही है, जिसे दिव्यांग प्रमाणपत्र देने ऋषिकेश के मैजिस्ट्रेट स्वयं उसके घर पहुंचे।
दिव्यांग बालिका अंजना मलिक मायाकुन्ड,ऋषिकेश में किराये की झोपड़ी में रहती है। इनके दोनों हाथ जन्म से ही कंधों से नहीं है। दोनों पैरों से भी वह दिव्याङ्ग है। पैर भी छोटे बड़े हैं। वह चल भी नहीं सकती। जमीन पर रेंग कर चलने को मजबूर है। ये दिव्याङ्ग लड़की उम्दा दर्जे की चित्रकार है। इसी के चलते अपना व अपने वृद्ध माता का भरण-पोषण करती है। लेकिन इस दिव्यांग् लड़की ने इसी चित्रकारी व पेन्टिंग के दम पर ऋषिकेश में अपनी अलग पहचान बना ली है।

वह अपने दोनों असमान छोटे बड़े पैरों से खूबसूरत पेन्टिंग बनाती है। उसकी चित्रकारी से विदेशी मेहमान भी प्रभावित दांतों तले ऊँगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। अंजना पैरों से ही पेन्टिंग व चित्रकारी का काम करती है। इसके हुनर को सब सलाम करते हैं।
ऋषिकेश में रामझूला रोड़ के किनारे अंजना सबका मन मोह ले रही है।इसकी चित्रकारी को विदेशी लोग खूब पसंद कर रहे हैं।अंजना जन्म से ही दिव्याङ्ग है,उसकी पेन्टिंग को देश में ही नहीं विदेश में भी खूब पसन्द किया जा रहा है।

अंजना उत्तर प्रदेश के पीलीभीत कस्बे की रहने वाली है। कयी सालों से ऋषिकेश में भीख मांगकर व पेन्टिंग से ही खर्च चलाती है।आप भी उसके बनाये पेन्टिंग को खरीद सकते हैं।
जानकारी मिली है कि उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेन्द्र सिंह नेगी ने व्यक्तिगत रुचि लेकर अंजना का आय प्रमाणपत्र,आयुष्मान कार्ड, दिव्याङ्ग पेंशन का सत्यापन,गाड़ी का पास आदि कागजात तैयार कराये हैं, तथा सहायता राशि जुटाने में भी प्रयत्नशील हैं।
अंजना मलिक का मोबाइल नम्बर 8433161010 है,जो भी पेन्टिंग खरीदना चाहते हों या आर्थिक सहायतार्थ के इच्छुक हो तो उनका खाता विवरण भी संलग्न है।स अन्रज्काअन्रा को भी ऐसे चित्रकार व पेन्टिंग निर्माता को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।