Front Page

जै श्रीराम और बंदेमातरम के उद्घोष से साथ उत्तराखंड विधान सभा में समान नागरिक कानून का विधेयक हुआ पेश

 

देहरादून, 6 फरबरी। जै श्रीराम और बन्दे मातरम के उद्घोष के साथ उत्तराखंड विधान सभा में आज समान नागरिक संहिता विधेयक -2024 पेश हो गया।  विधान सभा की कार्यसूची के अनुसार आज ही विधेयक पास होना था लेकिन बाद में उसे बुधवार को पारित करने का निर्णय लिया गया।

कुल 4 भागों और 7 अध्ययों में इस विधेयक  में कुल 392 धाराएं हैँ, जो कि अब तक का सबसे विस्तृत कानून होगा (अगर सचमुच लागू हुआ तो)। प्रस्तावित कानून में राज्य की अनुसूचित जन जातियों को संविधान के अनुच्छेद 366 के खंड 25 सहपठित 342 का हवाला देते हुए अलग किया गया है। मतलब यह कि यह कानून जन जातियों पर लागू  नहीं होगा।

विधेयक के करण और उद्देश्य में कहा गया जय कि अनुच्छेद 44 के अनुपालन में उत्तराखंड राज्य में राज्यक्षेत्र के समस्त निवासियों को विवाह, उत्तराधिकार आदि के मामले में समान रूप से शासित करने हेतु एक सान नागरिक संहिता का निर्माण किया जाना अनिवार्य है। जिससे राज्य के सभी निवासियों को एक ही  विधि से शासित किया जा सके।

मोटे तौर पर देखा जाय तो यह हिन्दु विवाह अधिनियम 1955 और 1956 के उत्तराधिकार अधिनियम, गोद लेने आदि हिन्दुओं के नागरिक संहिताओं को ही अपडेट किया गया है। यह कानून एक तरह से christians personal Law 1869, parsian personal law 1862, Anand Marriage  Act 1909 aur Shariyat Law 1937 का ही निर्सन या real होगा, जिस पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं  क्योंकि यह धर्म और धार्मिक रिवाजों की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का सवाल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!