उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री यशपालआर्य ने दिया भाजपा को जोर का झटका धीरे से
देहरादून,11 अक्टूबर।
उत्तराखण्ड के परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने कांग्रेस में शामिल हो कर सत्तारूढ़ भाजपा को धीेरे से मगर जोर का झटका दे दिया है। आर्य के साथ ही उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य ने भी भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। आर्य उधमसिंहनगर की बाजपुर सीट से तथा उनके पुत्र संजीव आर्य नैनीताल से भाजपा के विधायक हैं।
यशपाल आर्य ने अपने विधायक पुत्र के साथ सोमवार को सीधे दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय जा कर धर वापसी की घोषणा की है। अभी तक विधायकों को भाजपा में शामिल होने का सिलसिला चल रहा था जिसे आर्य ने तोड़ दिया। अब तक पुरोला के कांग्रेस विधायक राजकुमार, धनोल्टी से निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार और निर्दलीय रामसिंह कैड़ा भाजपा में शामिल हुये थे। लेकिन इनमें से किसी का भी राजनीतिक कद यशपाल आर्य के बराबर नहीं है। वैसे भी एक कैबिनेट मंत्री का सत्ताधारी दल छोड़ कर कांग्रेस में जाना भाजपा के लिये बहुत बड़ा झटका है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्तामथुरा दत्त जोशी के अनुसार भाजपा को झटके लगने का सिलसिला शुरू हो गया है।
यशपाल आर्य 2017 के चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुये थे। वह पहली निर्वाचित विधानसभा के अध्यक्ष रहे एवं अविभाजित उत्तर प्रदेश विधानसभा के भी सदस्य रहे। वह विजय बहुगुणा और हरीश रावत के मंत्रिमण्डलों में भी कैबिनेट मंत्री रहे। आर्य को उत्तराखण्ड में एक बड़ा दलित चेहरा माना जाता है। यहां लगभग 19 प्रतिशत वोटर दलित समाज से हैं। इसलिये आर्य की वापसी कांग्रेस के लिये काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वह भाजपा में मंत्री होने के बावजूद स्वयं का उपेक्षित महसूस कर रहे थे। आर्य के साथ ही कुछ अन्य पूर्व कांग्रेसियों की घर वापसी की उम्मीद की जा रही है।
दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में यशपाल और संजीव आर्य ने वापसी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।