कर्ज में डूब रहे उत्तराखण्ड के राजकोषीय घाटे की पूर्ति के लिये मिले 647.67 करोड़
नई दिल्ली 10 सितम्बर ।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने निर्धारित धनराशि हस्तांतरित करने के बाद होने वाले राजस्व घाटे (पीडीआरडी) को पूरा करने के लिये कल राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये कीछठी किस्त जारी कर दी। इस किस्त के जारी होने के साथ मौजूदा वित्त वर्ष में पीडीआरडी के तौर पर पात्र राज्यों को कुल 59,226.00 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है।
इसी क्रम में उत्तराखण्ड के लिये 647.67 करोड़ की राशि जारी हुयी है जबकि 2021-22 के दौरान कुल जारी होने वाली राशि 3,886.00 करोड़ है। उत्तराखण्ड का राजकोषीय घाटा वित्तीय कुप्रबंधन और चुनावों को ध्यान में रखते हुये सस्ती लोकप्रियता के लिये राजकोषीय घाटा 8984.53 करोड़ तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार चुनावों को ध्यान में रखते हुये आये दिन सौगातों की बौछारें लगा रही हैं। आम बजट में ही राज्य को सारे संधानों को निचोड़ने के बाद भी केवल 44,174 करोड़ मिलने थे जबकि खर्च 57,400 करोड़ दिखा रखा था। इस खर्चें को पूरा करने के लिये बजट में 12,850 करोड़ रुपये कर्ज लेने की बात कही थी, लेकिन अब 5 हजार करोड़ के अतिरिक्त बजट के पास होने के बाद न केवल बजट साइज अपितु कर्ज का साइज भी बढ़ गया जो कि अनुपूरित घाटा या राजकोषीय घाटे में जुड़ जायेगा। राज्य पर 2019-20 तक ही 66 हजार करोड़ का कर्ज चढ़ चुका था और सरकारें वोटरों को लुभाने के लिये उस कर्ज की राशि को बेइंतिहा बढ़ाये जा रहे हैं, क्योंकि वोटर केवल सौंगातें या घोषणाएं ही देखता है और कर्ज का खाता देखने की जरूरत ही नहीं समझता।
भारत सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस महीने अनुदान प्राप्त राज्यों और 2021-22 के दौरान राज्यों को जारी होने वाली पीडीआरडी अनुदान का ब्योरा नीचे दिया जा रहा है। राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत पीडीआरडी अनुदान प्रदान किया जाता है। पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को मासिक किस्त के तौर पर अनुदान दिया जाता है, ताकि राज्यों की आय और व्यय के बीच के अंतराल को पूरा किया जा सके। आयोग ने सिफारिश की थी कि 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान दिया जाये।
यह अनुदान प्राप्त करने के लिये कौन से राज्य पात्र हैं, इसका फैसला वित्त आयोग करता है। वह राज्यों की आय और खर्च के अंतराल को आधार बनाकर फैसला करता है। वित्त आयोग नेवित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान के रूप में 1,18,452 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की थी। इस धनराशि में से अब तक कुल 59,226.00 करोड़ रुपये (50 प्रतिशत) की रकम जारी की गई है। पंद्रहवें वित्त आयोग ने पीडीआरडी अनुदान के लिये जिन राज्यों की सिफारिश की थी, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
पीडीआरडी अनुदान प्राप्त करने वाले राज्यों का ब्योरा
क्रम संख्या | राज्य का नाम | सितंबर2021 में जारी रकम (छठी किस्त)
(करोड़ रुपये में) |
2021-22 के दौरान जारी होने वाली कुल रकम
(करोड़ रुपये में) |
1 | आंध्र प्रदेश | 1438.08 | 8628.50 |
2 | असम | 531.33 | 3188.00 |
3 | हरियाणा | 11.00 | 66.00 |
4 | हिमाचल प्रदेश | 854.08 | 5124.50 |
5 | कर्नाटक | 135.92 | 815.50 |
6 | केरल | 1657.58 | 9945.50 |
7 | मणिपुर | 210.33 | 1262.00 |
8 | मेघालय | 106.58 | 639.50 |
9 | मिजोरम | 149.17 | 895.00 |
10 | नगालैंड | 379.75 | 2278.50 |
11 | पंजाब | 840.08 | 5040.50 |
12 | राजस्थान | 823.17 | 4939.00 |
13 | सिक्किम | 56.50 | 339.00 |
14 | तमिलनाडु | 183.67 | 1102.00 |
15 | त्रिपुरा | 378.83 | 2273.00 |
16 | उत्तराखंड | 647.67 | 3886.00 |
17 | पश्चिम बंगाल | 1467.25 | 8803.50 |
कुल | 9,871.00 | 59,226.00 |