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देश में वार्षिक रूप से 239.16 अरब घन मीटर भूमि जल निकाला जाता है

  • मूल्यांकन भूमि जल री-चार्ज में बढ़ोतरी का संकेत देता है
  • मूल्यांकन 2017 मूल्यांकन आंकड़ों की तुलना में देश में 909 मूल्यांकन इकाइयों में भूमि जल परिस्थिति में सुधार के संकेत देता है
  • पूरे देश के लिये कुल वार्षिक भूमि जल री-चार्ज 437.60 अरब घन मीटर है
  • पूरे देश में वार्षिक रूप से 239.16 अरब घन मीटर भूमि जल निकाला जाता है
  • कुल 7089  मूल्यांकन इकाइयों में से 1006  इकाइयों को ‘अति-दोहन’ की श्रेणी में रखा गया है

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 9 नवंबर को  वर्ष 2022 के लिये सम्पूर्ण देश की ‘डायनेमिक ग्राउंड वॉटर रिसोर्स असेसमेंट रिपोर्ट’ (सक्रिय भूमि जल संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट) जारी की।केंद्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने इसके पहले यह संयुक्त कार्रवाई 1980, 1995, 2004, 2009, 2011, 2013, 2017 और 2020 में की थी

केंद्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने मिलकर यह मूल्यांकन किया है, जिसे विभिन्न हितधारक समुचित कार्रवाई करने के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं। वर्ष 2022 की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, सम्पूर्ण देश के लिये कुल वार्षिक भूमि जल री-चार्ज 437.60 अरब घन मीटर है तथा सम्पूर्ण देश में वार्षिक रूप से 239.16 अरब घन मीटर भूमि जल निकाला गया। इसके अलावा देश में कुल 7089 मूल्यांकन इकाइयों में से 1006 इकाइयों को ‘अति-दोहन’ की श्रेणी में रखा गया है।

मूल्यांकन के जरिये जमा की जाने वाली सूचना का विस्तृत विश्लेषण यह बताता है कि भूमि जल री-चार्ज में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका कारण नहरों से होने वाले रिसाव में बढ़ोतरी, सिंचाई के पानी का उलटा बहाव और जलस्रोतों/टंकियों तथा जल संरक्षण अवसंरचनायें हो सकती हैं। इसके अलावा, अति दोहन किये जाने वाली इकाइयों की संख्या में गिरावट तथा भूमि जल की निकासी-स्तर में गिरावट भी दर्ज की गई।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की विशेष सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी, श्री सुबोध यादव, संयुक्त सचिव (प्रशासन, भूमि जल) तथा केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार उपस्थित थे।

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