जमरानी बांध भी उत्तराखण्ड का होगा मगर बांध का पानी उत्तर प्रदेश का ही होगा
- जमरानी बांध का 86 प्रतिशत पानी उत्तर प्रदेश का
- राज्य में गत वर्ष 1-63 लाख हैक्टेअर में सिंचाई हुयी
- जबकि उत्तराखण्ड का कृषि क्षेत्र लगभग 6 लाख हेक्टेअर
देहरादून 30 सितंबर,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की, उन्होंने सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के एकीकरण की कार्य योजना तेयार कर इस सम्बन्ध में शीघ्र प्रस्ताव कैबिनेट में रखने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित जमरानी एवं सौंग बांध के निर्माण के प्रयासों में तेजी लाये जाने, ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज के लिये छोटे-छोटे बांध एवं चेकडैम के निर्माण की कार्य योजना बनाये जाने, सिंचाई एवं बाढ़ सुरक्षा कार्यों में बदलते समय के अनुरूप आधुनिक तकनीक का उपयोग किये जाने तथा बैराज एवं नहरों में जमा सिल्ट सफाई की व्यवस्था करने के साथ ही प्रदेश में ग्राउंड वाटर रिसोर्स की स्टडी किये जाने के निर्देश दिये।
सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम बताया कि हल्द्वानी से 10 कि.मी. अप स्ट्रीम में 2584 करोड़ लागत की जमरानी बांध परियोजना का कार्य उत्तराखण्ड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम के अंतर्गत गठित पी.आई.यू. के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है। इस बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के अंतर्गत 150.60 मी. ऊंचा रोलर कम्पेक्ड कंक्रीट ग्रेविटी बांध निर्मित किया जायेगा। जिसमें 14 मे.वा. विद्युत का उत्पादन होगा तथा उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में 150027 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बैठक में जमरानी बांध पर भी चर्चा हुयीण् यह बांध उत्तराखण्ड का होगा मगर पानी पर 86 प्रतिशत अधिकार उत्तर प्रदेश का होगा।जाहिर है कि उत्तर प्रदेश को सिंचाई के लिये पानी की जब जरूरत होगी तब ही बांध से पानी छूटेगा और रामगंगा तथा नानक सागर की तरह पावर हाउस की तरह ही उत्तराखण्ड का पावर हाउस बिजली के लिये उत्तर प्रदेश की सुविधानुसार खुलेगा। जबकि सौंग बांध मालदेवता से लगभग 10 कि.मी. दूर सौंग नदी पर प्रस्तावित है। इस पर 130.60 मी. ऊंचा बांध व 12.40 कि.मी. लम्बी पाइप लाइन का निर्माण होगा जिसकी लागत 1580.25 करोड़ है। इससे देहरादून की 2053 तक की आबादी को पेयजल आपूर्ति हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3051 नहरों, 1700 नलकूपों एवं 2608 लघु नहरों के द्वारा गत वर्ष खरीफ फसल में 1.638 हेक्टेयर तथा रबी फसल में 1.593 लाख हेक्टेयर सींच दर्ज की गई है। राज्य में कुल 1282 बाढ़ सुरक्षा योजनायें संचालित हैं। प्रदेश में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में चरणबद्ध ढंग से बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की योजना क्रियान्वित की गई है।