संस्कृत में शूट की गई फिल्म यानम में भारत के ड्रीम प्रोजेक्ट मंगलयान को चित्रित किया गया है
Yaanam is a non-feature film screened under the Indian Panorama section at 53rd edition of the International Film Festival in Goa. It is based on the autobiographical book “My Odyssey: Memoirs of the Man Behind the Mangalyaan Mission” by former space chairman Padma Bhushan Dr. K. Radhakrishnan.
-उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो –
यानम गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में भारतीय पैनोरमा खंड के तहत प्रदर्शित एक गैर-फीचर फिल्म है। यह पूर्व अंतरिक्ष अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन की आत्मकथात्मक पुस्तक “माई ओडिसी: मेमोयर्स ऑफ द मैन बिहाइंड द मंगलयान मिशन” पर आधारित है।
यानम फिल्म भारत के ड्रीम प्रोजेक्ट मंगलयान मिशन को चित्रित करती है। यह विश्व सिनेमा के इतिहास में संस्कृत भाषा में पहली विज्ञान वृत्तचित्र है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की क्षमता और विशेषज्ञता, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान और संस्कृत भाषा के महत्व को दर्शाती है कि कैसे भारत ने पहले ही प्रयास में एक कठिन अंतर्ग्रहीय यात्रा को पार कर एक शानदार जीत हासिल की।
फिल्म के निर्माता एवी अनूप ने कहा, “मुझे खुशी है कि मैंने इफ्फी में इंडियन पैनोरमा खंड में सभी श्रेणियों की फिल्में पेश की हैं। पिछली बार मैंने एक फीचर फिल्म और एक लघु फिल्म पेश की थी। इस साल मैं यह गैर-फीचर फिल्म पेश कर रहा हूं।
इसरो के साथ काम करने के अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, इसरो भारत का गौरव है। हमने पत्र लिखकर इसरो से अनुमति मांगी थी। वर्तमान अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने पत्रों को देखा और हमें बुलाकर कहा, “हां, हम यह कर रहे हैं”। हम भाग्यशाली हैं कि इसरो ने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया। यह बेहद गोपनीय और उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है। हमने 4 दक्षिणी राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर फिल्म की शूटिंग की है- केरल में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा, कर्नाटक में इसरो मुख्यालय और तमिलनाडु में सबसे पुरानी वेधशाला। हमें हर जगह शूटिंग करने की इजाजत थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमें लॉन्च के दौरान उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री प्रदान की।
हमें आईआईटी सहित कई विज्ञान कॉलेजों से आमंत्रण मिल रहे हैं। भारत में 500 से अधिक कॉलेज हैं जो अब संस्कृत पढ़ाते हैं। वे सभी हमें आमंत्रित कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने फिल्म को केवल संस्कृत में बनाने का फैसला क्यों किया, निर्माता ने जवाब दिया, “संस्कृत सबसे पुरानी भाषा है। साथ ही यह भी भ्रांति है कि यह भाषा केवल एक धर्म, एक समुदाय की है। हम इस मिथक को तोड़ना चाहते हैं।”
उन्होंने अंत में यह कहा कि “लगभग हर हफ्ते, हमें दुनिया भर के विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में स्क्रीनिंग के लिए चुना जा रहा है।”